रायपुर. भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ एवम् भाजपा किसान मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समय वृद्धि एवं असमय बारिश से फसल मुआवजा शीघ्र प्रदान करने व अन्य मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया.
इस दौरान प्रमुख रुप से भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा, भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी सोमेश पांडेय शिरीष तिवारी आदि उपस्थित रहे.
सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा धान खरीदी एक माह विलंब से प्रारंभ किया गया एवं राज्य सरकार के किसानों के प्रति उदासीनता की वजह से प्रदेश के किसान परेशान हैं.
सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशि कांत द्विवेदी एवं किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा धान खरीदी हेतु मात्र 2 माह दिसंबर और जनवरी की समय सीमा नियत की गई है. जिसमें गत 28-29 दिसंबर और जनवरी के दूसरे सप्ताह में बेमौसम बारिश होने के कारण खरीदी प्रभावित हो गई है.
जिसके कारण प्रदेश भर के लगभग एक तिहाई से ज्यादा किसान अभी तक अपनी उपज की बिक्री नहीं कर पाए हैं. छत्तीसगढ़ में इस साल कुल धान खरीदी 105 से 110 लाख मेट्रिक टन अनुमानित है उसमें से अब तक 69.17 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई है एवं कुल 24 लाख 5 हज़ार पंजीकृत किसानों में सिर्फ 17 लाख 15 हज़ार 846 टोकन के माध्यम से किसानों ने धान बेचा है और करीब 12 लाख टोकन अभी शेष है. चूंकि धान खरीदी हेतु समय बहुत कम (मात्र 9 दिन) बचा है , ऐसी स्थिति में किसानों को धान बिक्री के लिए परेशान होना वाजिब है और उस से परेशान होकर किसान अपने धान को औने पौने दर पर विक्रय करने हेतु मजबूर हो रहे हैं.
भाजपा नेताओं ने किसानों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए राज्यपाल से अनुरोध किया कि धान खरीदी की समय सीमा में एक माह की अतिरिक्त वृद्धि किए जाने हेतु सरकार को निर्देशित करें.
बारिश के कारण रबी फसलें जैसे चना, सरसों, धनिया, लाख-लाखड़ी आदि का भारी नुकसान होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें व्याप्त हो गई है. भाजपा ने मांग की है कि राज्य सरकार को राज्यपाल निर्देशित करें कि भू राजस्व संहिता की धारा (6 – 4) के तहत राज्य सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने की तत्काल घोषणा करे एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के क्षति का आंकलन करा कर मुआवजा दिलाने की कार्रवाई पूरी की जाए.