रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब को लेकर एक बार फिर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गंगाजल की सौगंध खाकर छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी का वादा करके उससे मुकरने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब पड़ोसी राज्य झारखंड में शराब बिक्री बढ़ाने के उपायों में सहयोग करने की आतुरता दिखाती नज़र आ रही है.

मूणत ने कहा कि शराब की कोचियागिरी करके छत्तीसगढ़ को नशे के दलदल में धकेलने के बाद प्रदेश की भूपेश-सरकार अब अन्य राज्यों में भी शराब की नदियां बहाने का ठेका ले रही है. यह अत्यंत निंदनीय कृत्य और अनैतिक आचरण की पराकाष्ठा है. शराबखोरी को सामाजिक बुराई बताने वाले महात्मा गांधी के नाम की गाहे-बगाहे दुहाई देते कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधीवाद को ताक पर रख दिया.

मूणत ने कहा कि बजाय झारखंड को शराबबंदी के लिए प्रेरित करने के प्रदेश सरकार झारखंड के शराब क़ारोबार को कंसल्टेंसी सेवाएं देने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के अधिकृत किया है, क्योंकि झारखंड सरकार अगले वित्तीय वर्ष से अपने आबकारी राजस्व को 19सौ करोड़ रुपए से बढ़ाकर दुगुना करना चाहती है.

मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपनी शराब नीति के चलते प्रदेश ग़रीब-मज़दूरों के परिवार में कलह-क्लेश का माहौल बना रका है. अब वह अन्य प्रदेशों के शांतिपूर्ण महौल का सत्यानाश करने पर आमादा है.

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