रायपुर। पूर्व में अपने ही सरकार में एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने अब भूपेश सरकार में भी मोर्च खोल दिया है. ननकीराम ने एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 7 पेज में शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

ननकी राम कंवर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र सौंपकर कहा है कि मुकेश गुप्ता ने पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी मिक्की मेहता की थी. बाद में निक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस पर मिक्की मेहता के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए जांच किए जाने की मांग की थी. लेकिन मामले में कोई जांच तो हुई नहीं उलटे मिक्की गुप्ता के परिवार वालों पर मामला दर्ज करवाकर प्रताड़ित किया गया.

ननकी राम कंवर ने बघेल से यह भी कहा है कि मुकेश गुप्ता की पदोन्नति नियम विरुद्ध तरीके से की गई थी. उनके खिलाफ मध्यप्रदेश में मामला दर्ज है. इसकी भी जांच होनी चाहिए. ननकी राम कंवर के इस मांग के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मंच गया है. वहीं विपक्षी भाजपा भी हैरान है. फिलहाल अब फैसला बघेल सरकार को करना है. वैसे सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने एडीजी मुकेश गुप्ता के पर कतरते हुए उन्हें ईओडब्लू से हटाकर पीएचक्यू भेज दिया है.

सूबेदार रेखा नायर से पूछताछ करने की मांग

ननकी राम कंवर ने अपने सात पन्नों के मांग पत्र में ईओडब्ल्यू/एसीबी में पदस्थ सूबेदार रेखा नायर के नाम से मुकेश गुप्ता पर करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति खरीदने और उसके जरिए नेताओं, अधिकारियों का फोन अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराने आरोप लगाते हुए कहा कि मुकेश गुप्ता के नाम से शिकायत होते ही उसे जबरिया धमकाकर दूसरे प्रांत भेज दिया गया है, जिससे जांच होने की सूरत में वह प्रस्तुत न हो सके. कंवर ने परिस्थितियों को देखते हुए रेखा नायर को दूसरे प्रदेश से बुलाकर बयान लिए जाने की मांग की है.

एसपी विनोद चौबे की शहादत में भी भूमिका

कंवर ने अपने पत्र में राजनांदगांव के मदनवाड़ा में नक्सलियों से मुठभेड़ में पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे की शहादत में मुकेश गुप्ता की भूमिका की आशंका जताते हुए इसकी भी जांच कराए जाने की मांग की है. वहीं प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के दिन 6 नवंबर को ही मुकेश गुप्ता को पुलिस महानिदेशक बनाए जाने पर आपत्ति करते हुए कहा कि न्यायालय में पदोन्नति से जुड़ा मामला, श्यामा मेहता से जुड़ा मामला और राज्य सरकार की ओर से सीबीआई जांच का मामसा विचाराधीन होने के बाद भी पदोन्नति करना गैर-कानूनी बताते हुए आदेश को रद्द करने के साथ मामले की निष्पक्ष जांच होने तक निलंबित करने की मांग की है.