नई दिल्ली। फ्रांस-न्यूयार्क की तर्ज पर आज लोकसभा में एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले ने प्राइवेट मेंबर्स बिल पेश किया. बिल का नाम  “राइट टू डिसकनेक्ट” दिया गया है. जिसके तहत काम के बाद कर्मचारी कॉल्स रिसीव करने और मेल का जवाब देने की मजबूरी से छुटकारा पा सकेंगे.

बिल में कर्मचारियों को यह अधिकार देने की बात कही गई है. सुप्रीया सूले का कहना है कि इस बिल के जरिये कंपनियां अपने कर्मचारियों पर ज्यादा का का बोझ नहीं लाद पाएंगी. जिससे कर्मचारियों को घर आने के बाद आफिस के तनाव से मुक्ति मिल जाएगी वहीं उनकी निजी जिंदगी में इसका पड़ रहा असर भी खत्म हो जाएगा. इस बिल के तहत कल्याण प्राधिकरण का गठन कर उसमें श्रम मंत्रियों, आईटी और कम्यूनिकेशन को रखा जाएगा. बिल के तहत एक चार्टर की तैयार किया जाना है.

इसी तरह का बिल फ्रांस और अमेरिका में भी आ चुका है जिसे वहां की सरकार लागू कर कर चुकी है. बताया जा रहा है अगर यह बिल पास हो जाता है तो कर्मचारियों पर घर में आफिस के कॉल को अटेंड करने का कोई दबाव नहीं होगा और कंपनियां कर्मचारियों पर इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाएंगी.