राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोयला संकट को लेकर इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य सरकार ने अब मान लिया है कि प्रदेश के विद्युत संयत्रों में महज कुछ दिनों के लिए कोयला शेष बचा हुआ है.

बता दें कि अमरकंटक पावर प्लांट में 7 दिन के लिए शेष कोयला बचा हुआ है. जबकि सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट में 3 दिन, संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन में 4 दिन और सिंगाजी पावर प्लांट में 2 दिन के लिए कोयला बचा हुआ है.

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वहीं इस संबंध ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की मांग सफलतापूर्वक आपूर्ति की जा रही है. प्रदेश में औसत मांग लगभग 10000 मेगा वाट है. अधिकतम मांग 11000 मेगावाट है. 11 अक्टूबर को शाम 7 बजे अधिकतम मांग 10853 मेगावाट थी. जिसकी निर्बाध आपूर्ति की गई.

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उर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि प्रदेश में बीजे 15 दिनों से बिजली की मांग बढ़ रही है. प्रतिदिन 22 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली दी जा रही है. कोयले के देशव्यापी संकट के के चलते राज्य सरकार कोल इंडिया और केंद्र सरकार के सतत संपर्क में है. प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

तोमर ने कहा कि कोयले को रेल के माध्यम से परिवहन के साथ ही सड़क मार्ग से परिवहन कर लगभग 16 लाख टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति के प्रयास भी किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस की लगातार समीक्षा की जा रही है. आगामी रबी सीजन और त्योहारों में बिजली की कमी नहीं आने दी जाएगी.

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