भरत ठाकुर, बिलासपुर. प्रदेश में होने वाले विधानसभा में राजनैतिक दाव-पेच में जुटी पार्टियां अब क्षेत्र में अपना वर्चस्व तलाशने में जुटने लगी है. संभावित और विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों से अधिकृत प्रत्याषी जनता के बीच जाने का सिलसिला शुरु हो गया है. हाल ही में बसपा और जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच हुए गठबंधन को लेकर बसपा पार्टी के नेताओं को खींचातानी का माहौला दिखाई देने लगा है. बसपा के कुछ नेता सीटों के बंटवारे को लेकर असंतुष्ट होने के साथ निर्दलयीय चुनाव तक लड़ने के संकेत दे दिये है. बसपा पार्टी के दिग्गज नेताओं के भितरघात और उभरती हुई नाराजगी को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सासंद डॉ आलोक सिद्धार्थ ने एकता का मंत्र फूकने की कोशिश की है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा कि 35 सीटों पर चुनाव लड़ने की मत सोचो.

सांकेतिक

हम 90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं इस मानसिकता के साथ हमें मैदान में डंटना होगा. इसके साथ ही जमकर मुकाबला करना होगा. बसपा के रणनीतिकार बिलासपुर जिलें की तीन सीटों पर अपना दावा मजबूत मान रहे थे. सीटों के बंटवारे के दौरान बेलतरा के अलावा तखतपुर व मस्तूरी विधानसभा को अपने हिस्से की मानकर चल रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. तीन में से एकमात्र सीट ही मिल पाई. बेलतरा व तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के हाथ से जाने के बाद बसपा का एक धड़ा नाराज चल रहा है. जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक इंजीनियर रामेश्वर खरे व उनके समर्थक बसपा से अलग होकर बेलतरा विधानसभा सीट से संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं. चर्चा तो यहां तक है कि बीते दिनों बिलासपुर शहर में समर्थकों के साथ गोपनीय मीटिंग भी हुई थी.  इसमें बेलतरा सीट के जकांछ के हिस्से में जाने के बाद बेलतरा के बसपाइयों ने अपनी राजनीतिक संभावनाओं को तकरीबन शून्य मानते हुए नए सिरे से संभावना तलाशने का निर्णय लिया है. मतलब साफ है बसपा व जकांछ के गठबंधन को सिरे से खारिज करते हुए चुनाव मैदान में कूदना.

बसपा सुप्रीमों तक पहुंची बात

बसपा और जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच हुए गठबंधन की नाराजगी से खफा बसपा के कार्यकर्ताओं की रिपार्ट बसपा की सुप्रीमों मायवती तक पहुंचने लगी है. प्रदेश के बेलतरा के अलावा महासमुंद व एक दो अन्य जिलों में भी बसपाइयों की नाराजगी अब बात खुल कर सामने आ गई है. डैमेज कंट्रोल की गरज से बसपा के प्रदेश प्रभारी डा सिद्घार्थ ने बुधवार को संभाग स्तरीय मीटिंग के दौरान एकता का मंत्र फूंकते हुए सबको साथ लेकर चलने की बात कही. पदाधिकारियों से सीधी बात करते हुए कहा कि आप लोग यह कतई मत समझिए कि बसपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हम 35 नहीं सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. अगर हमारी सोच कुछ इस तरह की होगी तब हम चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में एक नया इतिहास बनाने में कामयाब हो पाएंगे.

कार्यक्रम से निकलते ही कान में फुसफुसा दिए प्रदेश प्रभारी

संभागीय सम्मेलन के बाद दिग्गज नेताओं ने सभा स्थल देखने की इच्छा जाहिर की इसी वक्त प्रदेश प्रभारी डॉ. सिद्घार्थ ने साथ चल रहे जोन प्रभारी देवकुमार कनेरी को अपने पास बुलाया और उनके कान में फुसफुसाया आप भी विधानसभा चुनाव लड़े हैं न मतलब साफ है बेलतरा में सूर्यवंशी समाज से जुड़े बसपा के एक बड़े वर्ग की नाराजगी को दूर करने बसपा डैमेज कंट्रोल की गरज से कनेरी को मस्तूरी विधानसभा चुनाव मैदान में उतार दे तो अचरज की बात नहीं होनी चाहिए, कनेरी के जकांछ के सुप्रीमो के साथ ही मैदानी कार्यकर्ताओं और नेताओं से अच्छे ताल्लुकात रहे हैं. कनेरी बसपा छोड़कर जकांछ के साथ चले गए थे. राजनीतिक परिस्थितियां बदली और उन्हें घर वापसी कर ली.