रायपुर। दुर्ग संभाग में फर्नीचर खरीदी में गड़बड़ी का मामला आज सदन में जोरशोर से गूंजा. कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने फर्नीचर खरीदी के रेट में अंतर और बिना टेंडर खरीदी किए जाने का मामला उठाया. वोरा ने कहा कि एक स्कूल में फर्नीचर का रेट अलग है तो दूसरे में अलग.

इस पर मंत्री केदार कश्यप ने दलील दी कि सभी फर्नीचर की साइज़ अलग-अलग थी इसलिए दर में अंतर है. इसके बाद मामले में सत्यनारायण शर्मा और धनेंद्र साहू ने कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभाला और केदार कश्यप पर सवालों की बौछार करते हुए जांच की मांग की. लेकिन केदार कश्यप कहते रहे कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. केदार ने एक दिलचस्प दलील दी. उन्होंने कहा कि जैसे आपके कपड़े की कीमत अलग और मेरे कपड़ की कीमत अलग. इसी तरह फर्नीचर का रेट कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर तय होकर उसे खरीदा गया है. अलग-अलग स्पेसिफिकेशन के कारण रेट में अंतर है. उन्होंने कहा कि फर्नीचर के साइज भी अलग-अलग हैं.

मंत्री केदार कश्यप के जवाब पर कवासी लखमा ने जांच की मांग की. जिस पर मंत्री ने जांच कराने से इंकार किया. कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने आरोप लगाया कि इस मामले में भ्रष्टाचार किया गया है. मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार ने अलग -अलग साइज़ की फर्नीचर खरीदी ही क्यों. इस पर केदार कश्यप जवाब नहीं दे पाए लेकिन उन्होंने विपक्षी नेताओं की जांच की मांग को बार-बार इस बात के आधार पर खारिज कर दिया कि गड़बड़ी हुई हुई है. विपक्ष ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विधानसभा से वॉकआऊट कर दिया.