यूपी। बहराइच की घाघरा बैराज में शनिवार को एक बाघ का शव मिला था. किसानों ने वन कर्मियों को इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और बाघ के शव को पानी से बाहर निकाला. बाघ की मौत कैसे हुई है, इसका पता पोस्टमार्टम के बाद हुआ.
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बाघ के शरीर में चोट के निशान
बाघ का शव मैलानी वन रेंज के भरिगवां बीट में छेदीपुर गांव के पास जंगल के किनारे पड़ा था. जांच में सामने आया था कि बाघ के पैर और शरीर पर चोट के निशान थे. वन विभाग के कर्मचारी इस बात का अंदेशा लगा रहे थे कि यह बाघ किसी वाहन की चपेट में आया है.
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बाद में एक अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था. हालांकि स्थानीय लोगों को यह भी आशंका रही है कि यहां बाघ का शिकार भी किया जाता है. यह सब वन विभाग की मिली भगत से होता है.
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किसानों ने देखा बाघ का शव
कतर्नियाघाट सेंक्चुरी क्षेत्र के मझरा बीट से घाघरा बैराज प्रवाहित होती है. बैराज का मिलन कतर्नियाघाट के गेरुआ और कौड़ियाला नदी से होता है. कतर्नियाघाट रेंज के मझरा बीट में स्थित घाघरा बैराज के गेट से शनिवार शाम को एक बाघ का शव बहता हुआ आ रहा था. आसपास खेत में मौजूद किसानों ने बाघ का शव देखा था. बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत पानी में डूबने की वजह से होने की जानकारी आई है.
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