शैलेष पाठक, बिलासपुर। प्रदेश में लगातार हो रही हाथियों का मामला अब अदालत तक जा पहुंचा है. पूर्व IFS ऑफिसर डॉ अनूप भल्ला की ओर से मामले में दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी साहू की डिवीजन बेंच में हुई.

बता दें कि राज्य में 9 जून से लेकर 16 जून के बीच एक के बाद 5 हाथियों की मौत हुई थी. पहले सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में एक गर्भवती हथिनी समेत दो हथिनी की मौत हुई थी. गर्भवती हथिनी की मौत की वजह लिवर में इन्फेक्शन था. वही बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के अतौरी के जंगल में भी 11 जून को एक हथिनी का शव मिला था. उसकी मौत 3 से 4 दिन पहले हुई थी, लेकिन शव बाद में बरामद हुआ था.

इसके बाद रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ गांव गेरसा में करेंट की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई थी. मामले में पुलिस ने अवैध कनेक्शन के जरिए खेती कर रहे भादोराम राठिया और बाल सिंह नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके बाद धमतरी जिले के उरपुट्टी गांव के माडमसिल्ली के जंगल में 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत दलदल में फंसने से हुई थी.

केरल में हाथी की दर्दनाक तरीके से हुई मौत के बाद प्रदेश में लगातार हो रही हाथियों की मौत ने नेशनल मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. यही वजह रही की हाथियों की मौत को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय दल ने भी छत्तीसगढ़ का दौर कर स्थिति का जायजा लिया है. अब मामला न्यायालय तक भी पहुंच गया है.