लखनऊ। छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक से जुड़ी बड़ी खबर है. केस की जांच राज्य सरकार ने CBI से करवाने की सिफारिश की है. पाठक के खिलाफ केस की जांच CBI कर सकती है. कमीशनखोरी की जांच CBI से करवाने की सिफारिश के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है.

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STF ने विनय पाठक को अबतक कई नोटिस भेज चुकी है. नोटिस के बाद भी विनय पाठक पेश नहीं हुए. हालांकि साक्ष्य मिलने के बाद भी STF गिरफ्तारी नहीं कर पा रही है. मामले में 2 महीने पहले FIR दर्ज की गई थी. अब तक 3 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. अजय मिश्रा समेत 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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STF भले अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है, लेकिन अब उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. शुक्रवार को ED के अधिकारियों ने यूपी STF के अधिकारियों से प्रोफेसर विनय पाठक को लेकर बातचीत की है. ED ने अभी तक कार्रवाई और दर्ज फायर का ब्यौरा भी मांगा है.

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गौरतलब है कि आगरा यूनिवर्सिटी में टेंडर के बदले कमीशनखोरी के मामले में फंसे प्रो. विनय पाठक पर जबरन बंधक बनवाकर पैसे वसूलने का आरोप है. पाठक ने अजय मिश्रा के साथ मिलकर कई अन्य बिलों को पास करने के नाम पर पीड़ित से रुपए वसूलते रहे. आरोप है कि अजय मिश्रा ने इंटरनेशनल बिजनेस फार्म्स अलवर राजस्थान के खाते में करीब 73 लाख रुपए भी ट्रांसफर करवाएं थे. पीड़ित के मुताबिक अब तक उससे करीब 1.50 करोड़ रुपए की कमीशन ली गई है. वहीं इस मामले की जांच STF कर रही है.

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