रायपुर-  जी हां अगर यदि इस शीर्षक को ठीक-ठीक पढ़ लिए होंगे तो जाहिर है आप चौक जाएंगे. दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को लगता है कि अमेरिका का राष्ट्रपति भारत तय करता है. संकल्प से सिद्धि के कार्यक्रम में राजधानी रायपुर पहुंचे जे पी नड्डा ने मेडिकल काॅलेज सभागार में दिए अपने भाषण में कुछ ऐसी ही दलीलें रखी है. नड्डा ने कहा कि आज अमेरिका में रहने वाले भारतीय तय करते हैं कि वहां राष्ट्रपति कौन बनेगा?

जे पी नड्डा ने कहा कि – यह हम सबके लिए खुशी की बात है. हम 2017 में देशव्यापी कार्यक्रम और देश को नई दिशा देने वाले कार्यक्रम का हिस्सा है.  मैं समझता हूं, आने वाले दिनों में यह कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा.  महात्मा गांधी ने जो आह्वान किया था तब 5 साल के संकल्प ने देश को आजादी दिलाई थी.  2022 में हम 75 साल की आजादी मनाएंगे. ऐसे में ये समय है कि हम संकल्प ले कि आने वाले पांच सालों के भीतर भ्रष्टाचार मुक्त, साम्प्रदायिक मुक्त भारत, विकसित भारत बनाएंगे.  इस संकल्प को पूरा करने इस 5 साल की छोटी अवधि का क्षण क्षण उपयोग कर पूरा करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय एजेंसीज तय करती थी, देश में किसकी सरकार बनेे, कौन प्रधानमंत्री बने- जे पी नड्डा

केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि जनता की याद बहुत छोटी है, जो बीत गया उसे भूल जाने की आदत हो जाती है.  हम वर्तमान को भी याद नही कर पाते, हम कहां से चले थे,  हम कहा पहुंचे है और कहां जाना है इसका बोध जरूरी है.  नड्डा ने कहा कि याद कीजिये 3 साल पहले का देश एक पॉलिसी पैरालीसिस की दौर से गुजरने वाला देश था,  करप्शन में हम अग्रणी थे.  दुनिया मे पिछलग्गू देश के तौर पर जाना जाता था, लेकिन आज नेता बदले, नियति बदली, नीति बदली और 3 साल बाद कहा गया दुनिया मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छलांग लगाने वाला देश भारत बन गया.  दुनिया की राजनीति में परिवर्तन लाना और अंतरराष्ट्रीय छवि में परिवर्तन लाना सूचकांक होता है कि देश की छवि कैसे बन रही है.  जे पी नड्डा ने कहा कि 3 साल पहने जब पीएम अमेरिका जाता था, तो कोई नही जानता था, आज पीएम के अमेरिका जाने की तिथि तय होती है तो दुनिया की खबर बनती है.  चीन और जापान दोनों भारत मे निवेश के लिए तत्पर है.  हर अन्तराष्ट्रीय फोरम में भारत का क्या स्टैंड है, इस पर नजर बनी होती है. एक वक्त था, जब देश में किसकी सरकार बनेगी ? प्रधानमंत्री कौन बनेगा ? ये अंतरराष्ट्रीय एजेंसीज तय करती थी, लेकिन आज अमेरिका में रहने वाले भारतीय तय करते हैं कि कौन राष्ट्रपति बनेगा ? आज ऐसी परिस्थिति बन रही है कि भारतीय मूल का व्यक्ति इंग्लैंड का पीएम बन जाएगा.

अमेरिका की आबादी से थोड़ा कम 29 करोड़ बैंक खाता धारक हैं देश में- नड्डा

जे पी नड्डा ने कहा कि 1971 में मिसेस गांधी ने कहा था कि बैंक को नेशनलाइज करेंगे तो गरीबो का भला होगा. लेकिन  2014 में 45 साल बीत गए, बैंक के खाता धारकों की संख्या सवा तीन करोड़ तक ही पहुंच सकी.  ये थी भारत कि आर्थिक तस्वीर है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक कार्यक्रम शुरू किया गया,  जन धन योजना का. कहा गया – बगैर पैसे के अकाउंट खोलिए, इंशोरेंस का कवर पाइए.  आज अमेरिका की आबादी  से थोड़ा कम 29 करोड़ खाता धारक बन गए हैं.  प्रधानमंत्री जन धन योजना, बीमा योजना, अटल ज्योति योजना जैसे सामाजिक क्षेत्र में तेजी से काम किया जा रहा है.  जितनी रूस की जनता है, उससे ज्यादा सोशल सेक्टर में लोगों को जोड़ लिया गया है. करीब  11 करोड़ लोगों को सोशल सिक्योरिटी से जोड़ा गया है, मुद्रा योजना में साढ़े आठ हजार करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके है . स्टार्ट अप, स्टैंड अप, मुद्रा योजना देश को मजबूती देने का काम कर रही है, आर्थिक क्षेत्र में सैकड़ों काम किया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में  मिनिमम प्रीमियम मैक्सिमम बेनेफिट शुरू की गई. पहले बीज खराब हो गई, तो मुआवजा नही मिलता था, लेकिन आज किसानों को इसका फायदा मिल रहा है. बारिश पढ़ने पर फसल खराब हो जाने पर मुआवजा नही मिलता था, लेकिन आज मिल रहा है.  देश में 12 करोड़ किसानों का स्वाइल हेल्थ कार्ड बन गया है, कौन सी जमीन किस काम के लिए उपयोगी है, और क्या फसल लगाई जा सकती है ये भी किसानों को बताया जा रहा है. भारत सरकार का संकल्प है कि 86 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करना है. उज्ज्वल योजना में 2 करोड़ 75 लाख लोगों को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है.  18 हजार गांवों में बिजली नही थी आज महज तीन सालों में ही 13 हजार गांवों में पहुंचा दी गई है.