रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा उपाध्याक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि सरकार का बजट संकुचित आर्थिक दृष्टि है. इसमें मौलिक नीति का अभाव दिखता है. ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार की जो योजना है, उसे सामने रखकर पूरा बजट का फ्रेम प्रस्तुत किया गया है, क्योंकि राज्य सरकार के पास कुछ था ही नहीं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सरकार का तीसरा बजट है, लेकिन तीसरे साल में ही घोषणा पत्र को बढ़ना बंद कर दिया है. उसका क्रियान्वयन करना बंद कर दिया है. बजट में न किसानों को दो साल की बोनस की बात है, न युवाओं को ढाई हजार रुपए और न विकास की बात है. सरकार के इस बजट ने किसान, युवा, महिला, कर्मचारियों के साथ मजाक किया है.

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डॉ रमन सिंह बोले कि 17 प्रतिशत जो राशि पूंजीगत व्यय में खर्च होती थी, वो घटते-घटते 14 प्रतिशत हो गया है. इसके साथ-साथ दो बड़ी योजनाएं इन्होंने ज्यादा प्रचारित प्रसारित किया था. जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, ये केंद्र सरकार की योजना है, राज्य उसे बड़े जोर शोर से बताती थी. उसमें भी कुछ नहीं है.

दो दिन पहले ही लोगों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा की थी. लेकिन बजट में उसका कही कोई जिक्र नहीं है. दो करोड़ 75 हजार लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था नहीं है, न ही बजट में उसका प्रावधान रखा है.

सबसे दुखद स्थिति है, प्रदेश की 32 फीसदी जनजाति के लिए बजट में कितना प्रावधान किया गया है. 170 करोड़ का प्रावधान ऱखा गया है. बजट का 32 फीसदी रखना चाहिए था. जिसमें कमी आई है. कुल मिलाकर ये बजट विकास में अड़चने डालने वाला है. कोरोना काल में जो छोटे उद्योगों को नुकसान हुआ है, वो भी खाली के खाली रह जाएंगे. जो उन्होंने आखिरी में पंक्ति पढ़ी थी उसका मैं जवाब देता हूं- विकास के रास्ते में अड़चने डालते हो तुम, न्याय का नाम देकर अन्याय करते हो तुम…

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एक प्रकार से शून्य बजट है, जिसमें न विकास की संभावना दिखती और न ही भविष्य की कल्पना दिखती है. ये बजट छत्तीसगढ़ को घोर निराशा में ले जाना वाला है. बोधघाट परियोजना के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया है.

 ये बजट छत्तीसगढ़ को पीछे ले जाने वाला

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बहुत निराशाजनक बजट है. पिछला और सप्लीमेंट्ररी बजट में एक लाख दस हजार करोड़ का होता है. और जो मूल बजट लाया गया है वह एक लाख 5 हजार करोड़ का है. पिछले वर्ष से भी कम का बजट है. इसमें ये नहीं बताया गया है कि किस विभाग में कितना पैसा बढ़ाया गया है, किस विभाग का कितान पैसा कम किया गया है.

कोई नई योजनाएं, नई विकास के काम व अधोसंरचनाएं के काम नहीं है. इसलिए किसान, मजदूर, महिला, युवा, बेरोजगार व शासकीय कर्मचारियों को निराश करने वाली बजट है. मां कौशिल्य धरसा योजना के लिए केवल दस करोड़ का प्रावधान किया गया है. जहां 49 लाख किसान है उसका क्या होगा.

पूरा बजट केंद्र पर आधारित

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार बजट का आकार छोटा हुआ है. ये दुर्भाग्यजनक स्थिति है. दूसरी बात इस बजट में जो राजस्व 83 हजार करोड़ रुपए और पूंजीगत 13 हजार करोड़ रुपए है. कुल मिलाकरा 14 प्रतिशत पूंजीगत व्यय की परिधि रखी गई है. इससे पता चलता है कि कितना विकास होना है. 2021-22 राज्य का राजस्व 35 हजार करोड़ रुपए का है व केंद्रीय राजस्व 44 हजार 35 करोड़ रुपए है. इससे समझ सकते हैं कि पूरा बजट केंद्र पर आधारित है.

प्रदेश सरकार की बजट में न चिंतन है न ही मंथन हैःमुंदडा

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष छगन मुंदडा ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास में औद्योगिक विकास की जरूरत होती है, लेकिन प्रदेश सरकार के इस बजट में औद्योगिक विकास पर चर्चा नही है. औद्योगिक विकास के लिये बजट को लेकर चिंता नही किये जाने से औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को निराशा हाथ लगी है। इस कोरोना काल के बाद औद्योगिक विकास के ठोस नीति बनाने जरूरत है। ताकी स्वरोजगार का सृजन हो सके। लेकिन कही भी इस पर जोर नही दिया गया है। इस बजट में न तो चिंतन है न ही मंथन है.

उन्होंने कहा कि बजट के पर हर वर्ग की समग्र चिंता होनी थी, लेकिन आमजनों की हित की चर्चा पूरे बजट में नही है। जिस से विकास को लेकर कार्य करने की जरूरत है उसकी छवि बजट पर देखी जा सकती है। परन्तु राज्य सरकार ने बजट में कही भी विकास को प्राथमिकता नहीं दिया है। इससे स्पष्ट है कि राज्य के विकास की गति थम जायेगी और इसके लिये कौन जिम्मेदार होगा.

विजन रहित व निराशाजनक बजट- विष्णुदेव साय

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश छत्तीसगढ़ के बजट को निराशाजनक करार दिया हैं। उन्होंने कहा कि बजट भाषण के दौरान किसी भी लिहाज से लग ही नहीं रहा था कि यह छत्तीसगढ़ राज्य का बजट हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस प्रकार से बजट में प्रावधानों की घोषणा कर रहे थे उसे देख कर लग रहा था मानो मुख्यमंत्री बघेल किसी नगर निगम या नगर पालिका का बजट पेश कर रहे थे। साय ने बजट को छत्तीसगढ़ के विकास में बाधक व विजन रहित करार दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ बीते 2 वर्षों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आर्थिक रूप से खोखला हो चुका हैं। प्रदेश में कर्ज लेकर घी पीने वाली सरकार ने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया हैं जिसका उदाहरण आज पेश किए गए बजट में साफ साफ देखने मिला। साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का दावा करने वाले सीएम बघेल को बताना चाहिए कि कैसे गढ़ेंगे नवा छत्तीसगढ़? ऐसे विजन रहित दिशाहीन बजट से यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ गढ़ने चले हैं तो वे समझ ले छत्तीसगढ़ की जनता और आने वालों पीढ़ी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का बजट उद्योग, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्टर, रोजगार, शिक्षा, मूलभूत सुविधा, महिला, बुजुर्ग, किसान, कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, आदिवासी क्षेत्रों के विकास, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास, सिंचाई, आवास हर मोर्चे पर निराशाजनक रहा हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बजट के अंत में पढ़े गए शायरी का जवाब देते हुए कहा कि “रास्तों के उखड़ने का डर उन्हें कैसे होगा जो आंख मूंदें चल रहे हैं। जब बात होगी न्याय की तो अन्याय करने वालों को तो हटना ही होगा”।

निराशाजनक व युवाओं को हतोत्साहित करने वाला बजट : भाजयुमो

भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी अनुराग सिंहदेव, सहप्रभारी ओ.पी. चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश बजट को अब तक का सबसे निराशाजनक और छत्तीसगढ़ के युवाओं का अहित करने वाला बताया हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व हर घर रोजगार घर-घर रोजगार का नारा देने वालों ने छत्तीसगढ़ के 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रुपया प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन बजट में नई नौकरी ,स्वरोजगार , कौशल विकास का जिक्र तक न हीन ही स्वरोजगार को लेकर कोई ठोस नीति हैं और ना ही बेरोजगारी भत्ता के लिए कोई प्रावधान। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली प्रदेश की सरकार ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को धोखा दिया हैं और बीते दो वर्षों का बेरोजगारी भत्ता जो लगभग 6 हजार करोड़ से अधिक है की राशि दबा कर बैठी हैं। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ के युवाओं के हक का 6 हजार करोड़ निकालने और छत्तीसगढ़ के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ कब होगा न्याय तारीख बताएं।