पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. धान का पैसा वापस नहीं करने पर एक युवक ने गांव के ही युवक की बेरहमी से हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद फरार आरोपी को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है. मामला फिंगेश्वर थानाक्षेत्र का है.

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खैरझिठी निवासी उगेश साहू ने शनिवार को गांव के ही महेश दीवान की गैंती से वार कर हत्या कर दी. घटना के समय महेश अपने छोटे भाई के घर में सोया हुआ था, तभी उगेश वहां पहुंचा और बगल में रखे गैंती से हमला कर उसकी जान ले ली. वारदात के समय घर परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी उगेश अपनी सुसराल बासीन में छुप गया, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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थाना प्रभारी राजेश जगत ने घटना के कारणों की जानकारी देते हुए बताया कि पूरा मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा है. उगेश ने बीते साल महेश दीवान की ऋण पुस्तिका में समर्थन मूल्य पर तकरीबन 25 हजार रुपये का धान बेचा था. महेश ने उगेश को 9 हजार दिए, बाकी रकम को लेकर वह उगेश को घुमा रहा था. महेश रायपुर में काम करता था और दिवाली पर घर आया था. इसी बीच बचे 16 हजार रुपये लेने उशके घर पहुंचा. जहां उसने महेश की हत्या कर दी.

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इस पूरी घटना ने राजस्व और कृषि विभाग एवं सहकारी समितियों की पोल भी खोलकर रख दी है. वैसे तो समर्थन मूल्य पर धान बिक्री से पहले इन विभागों द्वारा किसानों की फसल और उनके रकबे का सत्यापन किया जाता है, ताकि असली हितग्राहियों को ही समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके, लेकिन इस पूरे मामले ने गरियाबंद जिला प्रशासन की पोल ही खोलकर रख दी. एक व्यक्ति ने दूसरे की ऋण पुस्तिका पर धान बेच दिया, लेकिन जिला प्रशासन को इसकी कानोकान खबर नहीं लगी. इससे आज वही लापरवाही एक जान ले ली.

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ऐसे में जिला प्रशासन की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या टीम द्वारा सत्यापन कार्य में कोताही बरती गई या फिर महेश ने अपना धान ना बेचकर उसके स्थान पर उगेश का धान अपनी ऋण पुस्तिका में बेच दिया. यह जांच का विषय है. यह भी जांच का विषय है कि जिले में और ऐसे कितने मामले हैं, क्योंकि जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण एक जान चली गई.

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