श्याम अग्रवाल, खरोरा। खरोरा समीप्रस्त ग्राम फरहदा में एक युवक की कोरोना से मौत हो गई. युवक की 24 तारीख को शादी होनी थी. लेकिन उसका सही तरीके से इलाज नहीं हो पाया. जिसके चलते उसने दम तोड़ दिया. 27 साल के युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने एक अनोखे तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. ताकि  ग्राम में इस तरह किसी और की मौत ना हो. प्रदर्शन में गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया गया. एक दिन का अन्न सभी घरों से सरकार को देने की बात कही गई है.

ग्रामीणों ने बताया कि यदि उस युवक को इलाज सही समय पर मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी, लेकिन सरकारी अस्पतालों में इंतजाम ना हो पाने के कारण युवक की जान चली गई.

गांव के सरपंच शांता शत्रुहन साहू ने बताया कि गांव के एक युवक की तबियत 12 अप्रैल को खराब हुई और उसका कोविड टेस्ट कराया गया जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. वहीं उसे ईलाज के लिए रायपुर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने कहा कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम है और उसे वेंटिलेटर की जरूरत है पर रायपुर में किसी भी सरकारी अस्पताल में जगह ना हो पाने के कारण उसका इलाज नहीं हो पाया. हमने कोविड हेल्पलाईन नंबर पर भी फोन किया. उन्होंने लालपुर ले जाने को कहा लेकिन वहां भी वेंटिलेटर नहीं था. वहीं हमने जिला चिकित्सा अधिकारी मीरा बघेल को भी फोन किया था लेकिन उन्होंने फोन भी नहीं उठाया. मुझे यह बताते हुए बहुत गुस्सा आ रहा है कि मैं उसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया इसलिए आज हम सब ने मिलकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में आज गांव के किसी भी घर पर चूल्हा नहीं जलाया.

 शादी घर में मातम

जिस युवक की कोरोना से मौत हुई उसकी 24 अप्रैल को शादी थी. वहीं उसके परिवार के सभी लोग बहुत खुश थे. उन्हें क्या पता था कि यह महामारी उनकी खुशियों पर ग्रहण बन कर टूटेगी और अब सहनाई की जगह उस घर पर मातम छाया हुआ है. वहीं उसी दिन बारवे का कार्यक्रम होगा, जिससे वर और वधु पक्ष में मातम छा गया है.

स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल बनाने की मांग

गौर करने वाली बात है कि ग्राम फरहदा में आज से 7 वर्ष पूर्व एक स्वास्थ केन्द्र का निर्माण किया गया था, लेकिन 7 वर्ष बाद भी आज तक इस स्वास्थ केन्द्र का शुभारंभ छत्तीसगढ़ सरकार नहीं कर पाई है. जानकारी के लिए बता दें कि 29 सितम्बर 2020 को स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव और क्षेत्रीय विधायक अनिता शर्मा के करकमलों इस स्वास्थ केन्द्र के शुभारंभ किया गया था, लेकिन उद्घाटन हुए आज 6 महीने से भी अधिक हो गया है, जिसके बाद भी आज तक इस अस्पताल को सरकार शुरू करने में पूरी तरह से नकाम दिखाई पड़ रही है.

ग्रामीणों की मात्र यहीं मांग है कि इस भयावह स्थिति में सरकार तत्काल प्रभाव से इस अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाएं, जिससे कि आस-पास के ग्रामों से निकलने वाले कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाए. जिसके कारण से आज ग्रामवासियों ने यह प्रदर्शन किया है.

गांवों में फैला कोरोना

ग्राम फरहदा सहित आस-पास के ग्रामों में कोरोना से मृत्यु होने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ते जा रही है, जैसे ग्राम फरहदा में एक नौजवान युवक की मृत्यु कोरोना से हुई, वैसे ही फरहदा के पड़ोसी गांव कोसरंगी में भी एक 28 वर्ष की लड़की की मृत्यु हो गई है. वहीं ग्राम इल्दा में भी एक व्यक्ति से कोरोना से मृत्यु हो चुकी है.

6  ग्रामीणों की मोत

वैसे फरहदा के पड़ोसी ग्राम इल्दा की बात की जाए  तो पिछले 12 दिनों में यहां 6 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें की मात्र एक व्यक्ति की ही मृत्यु का कारण कोरोना पॉजिटिव बताया जा रहा है, लेकिन यहां और भी जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन लोगों का किसी भी प्रकार से कोविड की जांच नहीं की गई है और ना ही वे इलाज के लिए अस्पताल के द्वार तक पहुंच पाए है, इससे ग्रामीणों एवं दूसरे ग्रामवासियों के द्वारा भी यह शंका जाहिर की जा रही है, कि इस ग्राम में बाकी लोगों की मृत्यु भी कोविड 19 की वजह से ही हुई है, अब यह तो तभी स्पष्ट हो पाता जब इन लोगों की कोविड की जांच की गई होती.

गांव के सभी रास्ते सील

इस मौत के बाद ग्राम फरहदा के ग्रामीणों के द्वारा ग्राम के सभी गलियों को बंद कर दिया गया है. गलियों में जाने के सभी रास्ते पूरे सील कर दिये गये है, बाहरी व्यक्तियों को गांव में प्रवेश करना पूर्णतः निषेध है, इसमें ग्रामीणों का कहना है कि इस उपाय से ग्राम वासियों को संक्रमण से बचाया जा सकता है, जिसके कारण से आज गांव के सभी गलियां बाहरी व्यक्तियों के लिए पूर्ण रूप से सील है.