प्रतीक चौहान. रायपुर. कोरोना से भयभीत होने वालों को 86 वर्ष की इस नानी के हौसले के बारे में जानना जरूरी है. क्योंकि उन्होंने 17 दिन तक अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोरोना को हराया है और अब वे पूरी तरह स्वस्थ्य है.
हम बात कर रहे है मूलतः देवरी बांकी मोगरा (कोरबा) की रहने वाली श्रीमती गंगोत्री साहू की. जो पिछले 10-11 वर्षों से रायपुर में रह रही है.
उनकी सेवा करने वाले नाती अमित साहू बताते है कि उनकी पत्नी अंबेडकर अस्पताल में बतौर नर्सिंग स्टॉफ कार्यरत है. घर में सबसे पहले उनकी बेटी कोरोना पॉजिटिव हुई, इसके बाद वे स्वयः कोरोना की चपेट में आएं.
कुछ दिनों तक डॉक्टर द्वारा बताई दवाएं खाने के बाद भी जब उनका बुखार नहीं उतरा तो उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर सिटी स्कैन कराया और अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए.
अस्पताल में भर्ती होने के अगले ही दिन उनकी नानी भी कोरोना की चपेट में आ गई और डॉ ओपी सुंदरानी की सलाह पर नानी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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Posted by Lallu Ram on Thursday, 13 May 2021
इसी दौरान नानी की तबीयत धीरे-धीरे खराब होती गई. उन्होंने खाना-पीना कम कर दिया और बातचीत भी बंद कर दी. लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा. लगातार अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों की टीम उनका इलाज करती रही. 17 दिनों बाद वे कोरोना को पूरी तरह हारने में कामयाब रही और अब वे पूरी तरह स्वस्थ्य होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है.
उनका ये हौसला उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो छोटी उम्र में भी कोरोना से लड़ने की इच्छा शक्ति नहीं रखते. डॉक्टरों के मुताबिक 25-25 सीटी स्कैन स्कोर वाले भी मरीज स्वस्थ्य हो सकते है बस उन्हें हौसला रखना है कि वे कोरोना को हरा सकते है.
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