वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। एन्टी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW ) द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों को सरकारी वेबसाइट में अपलोड नहीं करने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. मामले में हाईकोर्ट ने ACB और EOW से 14 मार्च के पहले शपथ पत्र में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. एफआईआर को वेबसाइट में अपलोड न करने को लेकर आरटीआई (RTI) एक्टिविस्ट राजकुमार मिश्रा ने ये जनहित याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में हुई.

चिरमिरी के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने जनहित याचिका दर्ज करते हुए कहा है कि एन्टी करप्शन ब्यूरो ( ACB ) को पूर्ववर्ती मप्र राज्य के समस्त केन्द्रीय एवं मप्र राज्य में प्रचलित कानूनों, नियमों, निर्देशों एवं परिपत्रों को अनुकूलन कर छग राज्य शासन द्वारा भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिये ACB को गठन किया गया, जिसके विभागाध्यक्ष राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर (EOW ) के निदेशक को घोषित किया गया, साथ ही EOW के पुलिस थाना को ही ACB का भी थाना घोषित किया गया.

छत्तीसगढ़ में कुल 28 जिले और करीब 500 थाना हैं. इन थानों में दर्ज होने वाले एफआईआर को दर्ज होने के 24 घंटों के भीतर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है. छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर CCTNS के अंतर्गत FIR को देखे जाने की प्रक्रिया में जिला के कॉलम में 28 जिला के साथ शासकीय रेलवे पुलिस और मुख्यालय EOW/ACB छत्तीसगढ़ भी दिखाई देता है. छत्तीसगढ़ राज्य के सभी थानों का FIR ऑनलाइन दिखाई पड़ता है, साथ ही रेलवे पुलिस में दर्ज FIR भी दिखाई पड़ता है, परंतु EOW/ACB छत्तीसगढ़ के अंतर्गत दर्ज किए गए FIR दिखाई नहीं पड़ता.

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याचिका में कहा गया है कि EOW/ACB छत्तीसगढ़ में दर्ज किए जाने वाले FIR भ्रष्टाचार , वित्तीय अनियमितता अथवा शासकीय धन के दुरुपयोग के अंतर्गत ही दर्ज किया जाता है. इस तरह से दर्ज किया जाने वाला अपराध किसी भी रूप में गोपनीय अथवा छुपाकर रखने योग्य नहीं होता, इस कारण इसे सार्वजनिक किया ही जाना चाहिए.

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