रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों ADG जीपी सिंह के खिलाफ तगड़ी कार्रवाई चल रही है. ACB और EOW पिछले चार दिनों से छापेमार औऱ पूछताछ कर रही है. जीपी सिंह के बंगले से अब तक करप्शन के कई दफन राज खुल चुके हैं.  ADG जीपी सिंह के पास से आय से अधिक संपत्ति, बेहिसाब करप्शन, दर्जनों बैंक अकाउंट और काली कमाई के सबूत मिले हैं. इसी बीच एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें नक्सलियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक ADG जीपी सिंह से अब SIT भी कुख्यात सरेंडर नक्सली पहाड़ सिंह के संबंध में पूछताछ करेगी. इस खबर से एक बार फिर ADG जीपी सिंह की मुश्किलें और धड़कनें तेज होती दिख रही है.

ACB-EOW के बाद अब SIT करेगी जांच

सूत्रों के मुताबिक ACB और EOW को जांच दल को ADG जीपी सिंह के बंगले से पहाड़ सिंह के सरेंडर से रिलेटेड कई दस्तावेज मिले हैं. इन सभी दस्तावेजों में 47 लाख रुपये के इनामी नक्सली पहाड़ सिंह के सरेंडर मामले में पूछताछ होगी. बताया जा रहा है कि पहाड़ सिंह के पास नक्सलियों के करोड़ों रुपए जमा थे, जिन्हें वह नोटबंदी के दौरान व्यापारियों से बदलने के लिए लाया था. पहाड़ सिंह नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का भी हिस्सा था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सलियों की भर्ती अभियान का तो वह प्रमुख था ही, उनके पैसों का हिसाब भी रखता था. जब उसने सरेंडर किया उस समय नोटबंदी हो गई थी. नक्सली नोटबंदी की दिक्कत से जूझ रहे थे. ऐसे में नक्सलियों ने अपने पुराने नोट बदलने के लिए पहाड़ सिंह के जरिए बाहर भेजे थे. चर्चा थी कि पहाड़ सिंह ने कई करोड़ रुपए कवर्धा, राजनांदगांव और दुर्ग के कुछ बड़े कारोबारियों को बदलने के लिए पुराने नोट दिए थे. एक खुफिया जगह पर पुलिस ने पहाड़ और इसके परिवार को हिरासत में ले रखा था.

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लल्लूराम डॉट कॉम ने कुख्यात सरेंडर नक्सली पहाड़ सिंह के आत्मसपर्पण से पहले 24 अगस्त 2018 को एक Exclusive खबर छापा था, जिसमें कई खुलासे किए गए थे. एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें सरेंडर नक्सली पहाड़ सिंह आत्मसपर्पण करने से पहले राजनांदगांव जिले के एक बड़े पुलिस अधिकारी के बंगले में ठहरे थे. उस अधिकारी ने बड़े ही खुफिया तरीके से पहाड़ सिंह को छिपाया था, लेकिन उसकी फोटो वायरल हो गई थी. एक महिला ने पहाड़ सिंह के साथ सेल्फी ली थी, जिसमें कि पहाड़ सिंह एक लग्ज़री सोफा में लेटे हुए दिख रहा था. मामले में जब IG जीपी सिंह से सरेंडर की वास्तविकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसकर टाल दिया था.

अब हैरान करने वाली बात ये है कि ADG के तार अब नक्सलियों के साथ जुड़ने लगे हैं. जीपी सिंह से सरेंडर नक्सली पहाड़ सिंह सरेंडर मामले में पूछताछ होगी तो जरूर कुछ नए और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. SIT जब पूछताछ करेगी, तो नक्सलियों से संबंधित और भी जानकारियां मिलेगी, जो प्रदेश को हैरान कर देगी. खैर अभी चार दिनों से ACB और EOW की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. कई अहम खुलासे किए जाएंगे.

पहले दिन की कार्रवाई- 

पहले दिन की कार्रवाई में ACB को ADG GP सिंह के घर से बेशुमार दौलत के दस्तावेज मिले थे. 75 से अधिक बीमा पॉलिसी, बैंकों में जमा 1 करोड़ रुपए की गिनती, कई मकानों, जमीनों में निवेश के कागज भी मिले हैं. ACB को GP सिंह के घर से बैंकों में बेहिसाब खातों के पासबुक मिले हैं. इतना ही नहीं GP सिंह के घर से डेढ़ करोड रुपये के म्यूच्यूअल फंड और शेयर के इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. ACB के मुताबिक फंड्स और शेयर के दस्तावेज में रकम कई करोड़ रुपए तक पहुंचने की जानकारी है. ओडिशा में संपत्ति, कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल होने वाले आधा दर्जन वाहन, कई बैंक अकाउंट्स, 75 से अधिक बीमा पॉलिसी के सबूत मिले थे. इसके बाद गुरुवार शाम को जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई.

दूसरे दिन की कार्रवाई- 

ACB को दूसरे दिन की कार्रवाई में वाहनों के कागजात भी मिल हैं. इसमें कंस्ट्रक्शन से जुड़े वाहन, मिक्सर मशीन, ट्रक और अन्य मशीन शामिल हैं. ACB की टीम संपत्ति, वाहनों, बैंक खाता, बीमा पॉलिसियों की तादाद देखकर हैरान है. कई बीमा पॉलिसी जीपी सिंह, उनकी पत्नी और उनके बेटे के नाम पर मिली है. इसकी संख्या बढ़ सकती है. इन पॉलिसी के प्रीमियम के रूप में ही लाखों रुपए सालाना बीमा कंपनियों को दिए जाते हैं. टीम बीमा कंपनियों से प्रिमियम का हिसाब-किताब ले रही है. दिनभर के जांच के बाद लगभग 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था.

बता दें कि गुरुवार सुबह 6 बजे ACB और EOW की जांच टीम जीपी सिंह के सरकारी बंगले में दाखिल हुई थी. करीब 75 घंटे की छापेमार कार्रवाई में करोड़ों रुपये बरामद किए गए. ACB की टीम ने GP सिंह पर धारा 13 (1)बी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत केस पंजीबद्ध किया था. इसके बाद जीपी सिंह के काली कमाई का परत दर परत खुलासा होते गए. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उन खातों की लिस्टिंग, पैसा कहां से आया किसने दिया, इन पहलुओं की जांच की. अब ये सारे दस्तावेज करोड़ों रुपये के काली कमाई की सबूत दे रहे हैं.

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