रायपुर. जिले में चल रहे सभी स्कूलों,कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं को लाने-लेजाने के काम में उपयोग हो रहे वाहनों की फिटनेस परीक्षण किया जाएगा. 11 जून को आरटीओ और पुलिस विभाग शिविर आयोजित करेगी.यह शिविर पुलिस परेड ग्राउंड में सुबह 9 बजे से शुरू होगा. रायपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस जांच शिविर में अपने संस्थानों के सभी वाहनों-यानों को पूरे दस्तावेजों के साथ भेजना होगा. आरटीओ कार्यालय से इस संबंध में जरूरी निर्देंश भी जारी कर दिए गए हैं. 

बता दें कि, साधारण बस की अपेक्षा में स्कूल बस में अतिरिक्त सुरक्षा शर्तों का पालन करना पड़ता है. स्कूल बस 12 वर्ष से पुरानी नहीं हो सकती, स्कूल बाद को चलाने वाले ड्राइवर के पास ट्रांसपोर्ट गाड़ी चलाने का कम से कम 5 वर्षों का अनुभव होना चाहिए. स्कूल बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए, ताकि बस 60 किमी प्रति घंटा से अधिक गति से ना चल सके इत्यादि.
स्कूल बस के लिए निर्धारित शर्तों के पूर्ण होने के दशा में ही बस की स्कूल में चलाने के लिए परमिट दिया जाता है. स्कूल बस संचालन के लिए परमिट प्राप्त होने से मोटर यान कर साधारण बस की तुलना में केवल 20% लगता है.

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू ने बताया कि, न्यायालय और विभाग के द्वारा निर्देश है कि स्कूल खुलने से पूर्व सभी स्कूल बसों की जांच की जाए. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सभी शैक्षणिक संस्थाओं के संचालकों से अपने-अपने वाहनों को 11 जून को पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर में फिटनेस जांच के लिए भेजने की अपील भी की है. 

साथ ही यह भी बताया कि, यदि स्कूल बस को फिटनेस परीक्षण के लिए इस जांच शिविर में नहीं भेजा जाता तो यह माना जाएगा कि, वाहन शैक्षणिक संस्थान में संचालन योग्य नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि, ऐसी स्थिति में वाहन का उपयुक्तता प्रमाण-पत्र और अनुज्ञा पत्र निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद यदि वाहन संचालित होता पाया गया तो वाहन को निरूद्ध किया जाएगा. साथ ही उपयुक्तता प्रमाण पत्र रद्द होने की तिथि से वाहन को साधारण श्रेणी में मानते हुए कर निर्धारण की कार्रवाई की जाएगी. जो स्कूल बस में लगाने वाले टैक्स से 5 गुना होता है.