बलौदाबाजार. जिला कोविड अस्पताल बलौदाबाजार की टीम के साथ ही 13 वर्षीय तौफ़ीक़ अंसारी के परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था. अति गंभीर स्थिति में तौफिक को 14 दिन पूर्व ही कोविड अस्पताल लाया गया था, अस्पताल की विशेष टीम के अथक प्रयास और सकुशल घर वापसी की कामना रंग लाई और रविवार को 13 वर्षीय तौफ़ीक़ अंसारी , सुहेला को सकुशल अस्पताल से छुट्टी दी गई.

 30 मई को तौफ़ीक़ अंसारी को परिजन अस्पताल लेकर आए थे. बुखार, खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ होने पर उसका कोविड एंटीजन टेस्ट किया गया. उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तत्काल उसको भर्ती कर कोविड अस्पताल में डॉ शैलेंद्र साहू की टीम द्वारा पूरी मेहनत के साथ उपचार किया गया.

भर्ती होने के दिन उसका ऑक्सीजन सेचुरेशन काफी कम था. उसे विशेष मास्क एनआरबीएम (Non Rebreather mask ) के द्वारा ऑक्सीजन दी गई. इसके अलावा सतत निगरानी में अन्य मरीज़ो से आइसोलेशन कर उपचार की की गई ताकि वह अधिक संक्रमित मरीजों से अलग रह सके. इस बारे में सीएमएचओ डॉ. खेमराज सोनवानी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा “बालक स्वस्थ होकर अपने परिजनों के साथ घर जा सका, इसमे परिवार जनों की तत्परता एवम चिकित्सकीय टीम के प्रति टीम के प्रति उनका विश्वास एवम सहयोग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

डॉ. शैलेन्द्र एवं उनकी टीम द्वारा सतत निगरानी और मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि बालक सकुशल घर लौटा. “ बालक का उपचार की निःशुल्क व्यवस्था एवम मॉनिटरिंग की गई. बालक के स्वस्थ होकर घर लौटने पर टीम को बहुत खुशी एवम संतोष की अनुभूति हो रही है. जिला कलेक्टर महोदय ने पूरी कोविड टीम को बधाई दी”.

65 प्रतिशत ऑक्सीजन पर पहुंचा था अस्पताल- कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ शैलेंद्र साहू ने बताया “जब बालक अस्पताल पहुंचा था तब बालक का आक्सीजन सेचुरेशन 65 प्रतिशत था. जो कि गम्भीर श्रेणी में आता है. हमारी टीम के लिए बालक को ठीक करना एक चुनौति से कम नहीं था क्योंकि बच्चे नियम और बताए गई चीजों को ठीक से फॉलो नहीं कर पाते हैं. मगर टीम के सदस्यों ने लगातार मॉनिटरिंग की और उसका ध्यान रखा और वह बालक स्वस्थ होकर 98 प्रतिशत आक्सीजन सेचुरेशन के साथ अपने परिजनों के साथ घर जा सका. डॉ. साहू ने बताया बालक के साथ उनकी मौसी रूखसाना भी केयर टेकर के रूप में साथ में मौजूद रहीं. वह पॉजिटिव भी थीं वह भी स्वस्थ्य होकर घर लौटी हैं.“

हल्की भी तबियत में खराबी लगे, पहुंचे अस्पताल- सीएमएचओ डॉ. सोनवानी ने लोगों से अपील करते हुए कहा

बच्चे हों या बड़े उनकी तबियत में थोड़ा सा भी परिवर्तन लगे उन्हें फौरन अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए. छोटे बच्चों को लेकर तो खास सतर्कता जरूरी है, क्योंकि लापरवाही की वजह से ज्यादातर कोविड मरीजों की स्थिति गंभीर होती है. टेस्टिंग में देर नहीं करने और परिजनों द्वारा जागरूकता का परिचय देते हुए जल्द ही अस्पताल मरीज को लेकर पहुंचने पर काफी हद तक कोविड से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है.