रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, इसके नियंत्रण और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव मांगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पिछली लड़ाई हमने राज्य में सभी लोगों की भागीदारी से जीता था. वर्तमान लड़ाई भी हम सावधानी और सभी लोगों के सहयोग से जीतेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का वर्तमान दौर ज्यादा घातक है, हमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुशंसित दवाओं का सेवन तत्काल शुरू कराए जाने की बात कही. जिससे कोरोना संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के ग्रामीण अंचलों में भी कोरोना की दवाओं की आपूर्ति शुरू कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले और मितानिनों के माध्यम से लक्षण वाले मरीजों को पर्ची और दवाएं (कोविड किट) उपलब्ध कराई जा रही है. जिसका सेवन संबंधित लोग पर्ची में लिखी मात्रा के अनुसार कर सकेंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार और कोरोना संक्रमण का लक्षण मालूम पड़े उसे कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना प्रारंभिक तौर पर तयशुदा दवाएं लेनी शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में लोगों को जागरूक करने और समझाइश देने की भी अपील की. मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक-एक कर सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से उनके जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति, अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों और लोगों के स्वास्थ्य की जांच-पड़ताल, क्वारेंटीन सेंटर की व्यवस्था, रोजगार मूलक कार्याें के संचालन सहित अन्य मामलों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार आप सबके साथ है. हम सब मिलकर कोरोना की रोकथाम की लड़ाई लड़ेगे और जीतेंगे.

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कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थिति और रोजी-रोजगार के संकट को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने मई और जून माह का खाद्यान्न एकमुश्त मुफ्त में देने का फैसला लिया है. उन्होंने गांवों में ग्रामीणों की रायशुमारी से मनरेगा के कार्य का संचालन किए जाने की भी बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोग श्रम के कार्याें में जुटे रहेंगे. उनका मन लगे रहेगा और आर्थिक लाभ होने के साथ अधोसंरचना का भी निर्माण होगा. मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था पर पंचायतों को विशेष रूप से ध्यान देने की बात कही. उन्होंने गांवों में स्थापित क्वारेंटीन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

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गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जिला पंचायत अध्यक्षों और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से कोरोना से बचाव के उपायों को लेकर लोगों को जागरूक और टीकाकरण के लिए प्रेरित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 10-10 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने जिलों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सीटी स्केन मशीन, रेमडीसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की भी बात कही. मंत्री सिंहदेव ने बाहर से आने वाले श्रमिकों को गांवों में कार्य उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत जॉब कार्ड प्रदाय करने के भी निर्देश दिए.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गांवों में बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटीन सेंटर में रखने, उनके टेस्टिंग की व्यवस्था और कोरोना गाइडलाइन के पालन के निर्देश दिए. बैठक के प्रारंभ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए की जा रही कार्रवाई और टीकाकरण के बारे में जानकारी दी.

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