सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कलेक्टर ने एक अप्रैल से धूम्रपान खरीदी-बिक्री पर बैन लगा रखा है. बावजूद इसके यहां बीड़ी और सिगरेट जले हुए मिल रहे हैं. इसलिए जिला प्रशासन ने सिगरेट-बीड़ी की ठूंठ ढूंढने के लिए नई पहल की शुरूआत की है. कोटपा एक्ट का उल्लंघन करने पर अब तक 30 हजार रुपए की वसूली भी की जा चुकी है.

दरअसल सरगुजा को तंबाकू मुक्त घोषित किया जा रहा है. लेकिन अभी भी सिगरेट और बीड़ी की ठूंठ मिल रहा है. इनके मिलने का मतलब तंबाकू मुक्त सरगुजा अभियान के लिए राष्ट्रीय स्तर से होने वाले सर्वेक्षण में बाधा है. इसके लिए कड़ी चालानी कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मुखौटा पहने कार्यकर्ता जिले के प्रमुख स्थानों से ठूंठ को हटा रहे है.

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इस संबंध में प्रभारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि शहर के चौक-चौराहों, कई दुकानों, पान-गुमटिंयों के आस-पास सिगरेट और बीड़ी के ठूंठ बिखरे मिल रहे हैं. टीम के मेंबर मुखौटा लगाकर शहर से बीड़ी सिगरेट के टुकड़ों को एकत्रित कर हटा रहे हैं.

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सरगुजा जिले में गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और गुड़ाखू क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा हुआ है. जिन लोगों द्वारा कोटपा एक्ट के उल्लंघन किया गया है, उनके खिलाफ 30 हजार रुपए की अब तक चालानी कार्रवाई की जा चुकी है. क्योंकि तंबाकू का सेवन करने वालों की पान ठेलों में भीड़ लगी रहती है. तंबाकू से संक्रमण बढ़ने की आशंका बनी रहती है.

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बता दें कि कलेक्टर संजीव झा ने कोरोना महामारी के प्रचार-प्रसार को प्रभावकारी ढंग से रोकने के लिए धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाया है. सरगुजा जिले में तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी और गुड़ाखू के क्रय-विक्रय पर पूर्णतः पाबंदी आगामी आदेश तक जारी रहेगा. कलेक्टर के आदेश के समर्थन में मितानिनों ने करीब 5000 दीये अपने-अपने घर पर जलाए थे.

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