शशिकांत डिक्सेना, कटघोरा। दिव्यांग शिक्षक की कोरोना से मौत हो गई. लेकिन इस मौत का आरोप शिक्षक संघ ने विभाग पर लगाया है. संघ का कहना है कि संक्रमित होने के बाद विभाग से छुट्टी के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन निष्ठुर अधिकारी ने उन्हें छुट्टी नहीं दी. इससे उनकी हालात और बिगड़ गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. इस बड़ी लापरवाही से शिक्षकों में भारी आक्रोश है. अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

ये पूरा मामला कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के तानाखार शासकीय स्कूल का है. यहां साधवा राम बंजारे सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ थे. वे पचास प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांग थे. इसके बावजूद कोरोना में उनकी ड्यूटी लगाई गई थी. 17 मई को वो कोरोना संक्रमित हुए और 20 मई को उनकी मृत्यु हो गई. साधवा राम बंजारे दिव्यांग होने की वजह से उन्होंने कोरोना में लगी ड्यूटी को नहीं कर पाने की वजह शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवेदन के जरिये बताई थी. लेकिन विभाग के अड़ियल रवैये की वजह से उन्हें ये ड्यूटी करनी पड़ी. निशक्त व कोरोना संक्रमित होने के बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं मिली. और तबीयत ज्यादा खराब होने पर बिलासपुर में उनकी मौत हो गई.

दिव्यांग शिक्षक की मौत पर ज्ञापन

छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए मीडिया से बताया कि यहां सरासर गलत है अन्याय है. ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए. छत्तीसगढ़ में लगभग हमारे 400 शिक्षक साथी कोरोना की काल में समा चुके हैं. टीचर एसोसिएशन लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि हमें बीमा कवर दी जाए, और फ्रंटलाइन का दर्जा दिया जाए.

साथ ही बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय ने वर्चुअल मीटिंग में साफ आदेश निकाला था कि यदि किसी के घर में कोई कोरोना संक्रमित है तो भी कोरोना ड्यूटी करनी पड़ेगी. जोकि पूरी तरह गलत है और शासन के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. साधवा राम बंजारे की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन होगा और उनके इस आदेश से शिक्षकों में तनाव व भय का माहौल है हमारी मांग है जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक निशक्त और गर्भवती तथा शिशु वती को कोरोना ड्यूटी से पृथक किया जाए. जिसे लेकर SDM को आज ज्ञापन सौंपा जाएगा.

अधिकारी ने दी सफाई

पोंडी उपरोड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी एल एस जोगी ने सफाई देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग, SDM के निर्देश पर निशक्त, गर्भवती, शिशुवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी नहीं लगाई गई. हो सकता है स्कूल के प्राचार्य द्वारा सहयोग के लिए साधवा राम बंजारे की ड्यूटी लगा दी गई हो, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन साधवा राम बंजारे की मौत से शिक्षा विभाग उनके लिए सहानुभूति व्यक्त करतें हैं. विभाग द्वारा दिवंगत कर्मचारी शासन की ओर 50 हज़ार की तात्कालिक सहायता प्रदान की जाएगी.

ड्यूटी से अलग किया जाए

“छ्त्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से सूचना मिली थी कि सहायक शिक्ष साधवा राम बंजारे की कोरोना से मौत हो गई है और उनकी ड्यूटी कोरोना सर्वे में लगी हुई थी. खण्ड शिक्षा अधिकारी को आदेशित किया गया है कि निशक्त, गर्भवती या बड़ी बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी के सर्वे से पृथक किया जाए, ऐसे कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराए.”

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