धमतरी। जिला अस्पताल में पहला ब्लैक फंगस का मरीज मिला है. कोरोना संक्रमण के बाद दांत में हुए तकलीफ से उसकी पहचान हुई. जिसे जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया है. यह मरीज बालोद जिले से धमतरी इलाज के लिए आया हुआ था. तभी मामले का खुलासा हुआ.

ब्लैक फंगस का पहला मरीज

ब्लैक फंगस का संक्रमण रायपुर, दुर्ग, भिलाई के बाद अन्य शहरों में फैलने लगा है. ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल में सामने आया है, जिसे बेहतर इलाज के लिए एम्स रायपुर भेज दिया गया है. बताया गया कि बालोद जिले का एक व्यक्ति धमतरी के निजी चिकित्सक के पास चेहरे में सुन्नपन और अन्य तकलीफ के इलाज के लिए पहुंचा था. जांच के बाद ब्लैक फंगस चिहांकित होने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया.

दांत में तकलीफ के बाद हुआ खुलासा

मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. संजय वानखेड़े, डॉ. आभा हिशिकर, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. जेएस खालसा और नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. ए नसीम की टीम ने जांच की. वर्तमान समय में यह एक बड़ी बीमारी के रूप में उभरने लगी है. इस वजह से सरकार की गाइडलाइन के आधार पर इसे एम्स भेज दिया गया है.

आभा हिशिकर ने बताया कि बालोद जिले का यह व्यक्ति 4 मई को कोरोना पॉजिटिव हुआ था, जिसका इलाज बालोद के कोविड सेंटर में किया गया. 16 मई को वह स्वस्थ हो गया. इसके बाद 26 मई को उसके दांत में लकलीफ होने लगी. उसका दांत निकाला गया. 27 मई को मुंह और बाएं चेहरे में सूजन और सून्नपन की शिकायत हुई.

धमतरी के डॉ. हिशिकर के पास जब वह पहुंचा, तब उसका सीटी स्कैन किया गया. इसमें वह ब्लैक फंगस चिन्हांकित हुआ. 28 मई को उसे जिला अस्पताल भेजा गया. विशेषज्ञों की टीम ने जांच कर गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज को एम्स रायपुर भेज दिया. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग ने राज्य सरकार को दे दी है.

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