रोहित कश्यप, मुंगेली। नाली घोटाले में फंसे मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष संतुलाल लाल सोनकर के ऊपर विभागीय कार्रवाई की गाज गिरी है. राज्य सरकार के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है.

बता दे कि नगर पालिका अध्यक्ष इस वक्त न्यायिक रिमांड पर मुंगेली के उपजेल में हैं. अग्रिम से लेकर रेगुलर बेल के लिए उन्होंने अर्जी लगाई, लेकिन उन्हें बेल नहीं मिला, आखिरकार उन्हें जेल जाना पड़ा, और अब उन्हें 13 लाख के नाली घोटाले में दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया गया है. गुरुजी की नौकरी छोड़कर नगर पालिका के अध्यक्ष बने भाजपा के संतुलाल सोनकर ने एक लंबा सफर तय किया है.

बता दे कि मुंगेली नगर पालिका के परमहंस वार्ड में नाली का निर्माण होना था, मगर बिना नाली निर्माण किए करीब 13 लाख रुपये संबंधित ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया. इस मामले में कांग्रेसी पार्षदों की शिकायत के बाद जांच हुई, जिसमें शिकायत की पुष्टि होने पर कलेक्टर के निर्देश पर सीएमओ मनीष वारे ने नगरपालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के साथ तत्कालीन सीएमओ विकास पाटले, ठेकेदार वसीम खान सहित 6 के खिलाफ सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाया था.

मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार चल रहे थे. जिला कोर्ट, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संतुलाल सोनकर ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जिसे खारिज कर दिया गया. सारे रास्ते बंद होने के बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया, जहां न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है. वहीं जेल में रहते हुए उन्होंने रेगुलर बेल के लिए जिला कोर्ट में अर्जी लगाई, वह भी खारिज हो चुका है. वहीं अब नगर पालिका अध्यक्ष के बर्खास्त होने के बाद दोनों दल के दावेदार उपचुनाव में अध्यक्ष पद के लिए सक्रिय होने लगे हैं.