सत्यपाल राजपूत, रायपुर। नगर निगम रायपुर में सरकारी आदेश का खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है. निगम के 170 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी दो घंटे की देरी से पहुंचे. इन लोगों की चोरी मुख्य प्रवेश द्वार पर नाम और आने का समय नोट करने के बाद खुली. अधिकारियों की लापरवाही से काम के लिए पहुंचे लोगों को भटकना पड़ रहा है.

कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सरकारी कार्यालयों को आम जनता के लिए खोल दिया गया है लेकिन राजधानी रायपुर के नगर निगम कार्यालय में ना तो अधिकारी मौजूद होते हैं ना कर्मचारी. ऐसे में लोग भटकने को मजबूर हैं. लोग अधिकारियों के इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.

निगम कार्यालय में भटक रहे मुन्ना बंजारे, सुनीता वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि इसीलिए निगम कार्यालय बदनाम है. यहां काम कराने के लिए भटकना पड़ता है. कार्यालय आने का निर्धारित समय 10:30 बजे है लेकिन 3 बजे तक पहुंच रहे हैं. छुट्टी का समय 5:30 है लेकिन 4 बजे ही चले जाते हैं. जनता के लिए कार्यालय खोलने के बाद हालत ख़राब है.

अधिकारी कर्मचारियों की नदारद होने से परेशान अधिकारी व्यवस्था सुधारने के लिए काग़ज़-पेन लेकर निगम के मुख्य गेट पर बैठ गए और नोट करने लगें कि कौन से कर्मचारी अधिकारी कितने समय कार्यालय पहुंच रहे हैं. देखते ही देखते देरी से आने वालों की संख्या 12:30 तक 170 से पार हो गया.

अपर आयुक्त लोकेश्वर साहू ने कहा कि निर्धारित समय पर अधिकारी कर्मचारी पहुंचे, इसके लिए व्यवस्था सुधारने के लिए आज सभी का समय के साथ नाम नोट किया जा रहा है. लगभग 300 अधिकारी कर्मचारी है जिसमें से 170 से लोग 12:30 कार्यालय पहुंचे है. पहले चेतावनी दी जाएगी फिर देरी होने पर नोटिस जारी किया जाएगा.

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