रायपुर. पंडो जनजाति के लोगों की हो रही मौत पर सियासत गरमाती जा रही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले में राज्यपाल से शिकायत की जाएगी. जरूरत पड़ी तो इस मामले को राष्ट्रपति तक ले जाएंगे. इस बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंडो जनजाति के बारे में काम करने की बहुत आवश्यकता है, लेकिन रमन सिंह और बीजेपी के लोग बताएं कि 15 साल तक उन्होंने पंडो जनजाति के लिए क्या किया. सीएम ने कहा कि भाजपा शासन में एक या दो परसेंट की कुपोषण में कमी आती थी, यहां एक साल में 13% कम हुआ है. सीएम ने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि कुपोषण है, लेकिन क्या यह एक दिन में खत्म हो जाएगा.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि बलरामपुर में संरक्षित जनजाति पंडो की मौतें देश के लिए चिंता की वजह है. इन जनजाति के लोग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. खाने पीने में असुविधा हो रही है. उचित इलाज की व्यवस्था सरकार की ओर से नही हो रही है. सरकार उदासीन है. यही वजह है पंडो जनजाति के लोगों की लगातार मौतें हो रही है, पहले से ही पंडो की जनसंख्या कम है, हालात नही सुधरे तो स्थिति और खराब हो जाएगी. इन मुद्दों को लेकर राज्यपाल से शिकायत की जाएगी. जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति तक इस मुद्दे को ले जाया जाएगा. सरकार यदि स्थिति नही संभाल सकती तो सीधे कह दे.

कुपोषण में लगातार कमी – सीएम भूपेश

भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा 15 साल तक उनके लिए कोई योजना अगर बनाए हो तो बताएं. छत्तीसगढ़ में नक्सली से बड़ी समस्या कुपोषण है. प्रदेश में 5 साल से कम उम्र वाले 41% लोग कुपोषित है. 47% महिलाओं में एनीमिक खून की कमी है. इस दिशा में हम काम शुरू किए है. हमारी सरकार में कुपोषण में लगातार कमी आई है.