रायपुर. धान खरीदी के मामले में सरकार को घेरने के बाद विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया और चर्चा की मांग की. आसंदी ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य किया. सदन में विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे पहले सदन में स्थगन पेश करते हुए बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा, नारायण् चंदेल, सौरभ सिंह, पुन्नूलाल मोहिले, रजनीश सिंह, रंजना साहू, डमरूधर पुजारी, विद्यारतन भसीन ने कहा कि-  पिछले साल 28 लाख मीट्रिक टन चावल देने की अनुमति केंद्र ने दी थी. लेकिन सरकार पूरा जमा नहीं कर पाई. कस्टम मिलिंग सरकार कम नहीं कर पाई. हजारों करोड़ का धान सड़ गया. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है.

 डॉ रमन सिंह ने कहा कि

छत्तीसगढ़ में धान हमारे जीवन से जुड़ा है. यह किसान के जीवन से जुड़ा मामला है.  संग्रहण बंद कर दिया गया है. सोसायटी जाम हो गया है. सरकार से हम श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग करते है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि

 जिंदा किसानों को भी कागजों में मरा बता दिया गया है. आरंग के विजय निषाद नाम का भी इस लिस्ट में है. किसान बार-बार सोसायटी जाकर ये कहता रहा कि मैं जिंदा हूं मेरा धान खरीद लो. लेकिन उसका धान नहीं खरीदा गया. धान खरीदी कमीशन की भेंट चढ़ गया है. सोसायटियों में जो धान रखा है वह बारिश होने पर सड़ रहा है. धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार अपनी गलती छिपाने दूसरों पर दोष न मढ़ें. पिछले साल 11 सौ करोड़ का धान सड़ गया.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि

  मिलिंग से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक में कमीशन मांगा जा रहा है. कितना कमीशन लेगी सरकार ? यह गंभीर मामला है. क्या कमीशन के खेल की वजह से छत्तीसगढ़ का धान सड़ जाएगा? कमीशन के खेल की वजह से क्या किसान आत्महत्या करेगा? क्या कमीशन के खेल की वजह से धान का उठाव नहीं होगा? छत्तीसगढ़ में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि धान की मिलिंग में देरी हुई हो.

जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि

 धान खरीदी का एक सिस्टम बना हुआ है. अभी सब जगह धान संग्रहण केंद्रों में जमा है. खुले में खराब हो रहा है. ढकने के लिए पॉलीथिन भी नहीं है. कब तक धान खुले में भगवान भरोसे पड़ा रहेगा.

बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि

72 दिनों बाद भी धान का उठाव नहीं हुआ है. किसान इसलिए धान नहीं उगाता कि उसका धान पड़े-पड़े न सड़ जाए.