रायपुर. तंबाकू (Tobacco) का सेवन स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है. लगातार इसके प्रयोग करने से हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो जाती है. नई पीढ़ी जागरूकता के अभाव में तंबाकू के सेवन की ओर बढ़ रही है. ऐसे में बस्तर के लोगों को राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत,  धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करने 31 मई को ‘commit to quit’ थीम पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर इससे बचाव की जानकारी दी जाएगी.

राष्ट्रीय तंबाकू (Tobacco) नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ डी.राजन ने बताया किसी भी देश का भविष्य और देश की तरक्की देश के युवाओं पर टिकी होती है. वर्तमान समय मे बहुत से युवा और व्यस्क लोग  सिगरेट व शराब के जाल में फंस चुके हैं. जोकि उनके जीवन को अंधकार की ओर ले जा रही है. ऐसे में उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है इसलिए जिले में 31 मई को तम्बाकू निषेध के जागरूकता के लिये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

कार्यक्रम के दौरान धूम्रपान के कारण होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति एवं तम्बाकू छोड़ने से होने वाले लाभ के बारे में विशेषकर बच्चे और युवाओं को जागरूक कर इससे छुटकारा पाने की अपील की जाएगी. उक्त गतिविधियां सोशल मीडिया, रेडियो, वीडियो प्रसारण, फेसबुक लाइव,कोविड टीकाकरण उपरांत परामर्श, ऑनलाइन परामर्श के द्वारा किया जाएगा. कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी कार्यक्रम कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए किये जाएंगे.

उन्होंने बताया “धूम्रापान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जैसी लाइनें सिर्फ सुनें या पढ़ें नही बल्कि इसे अपनाएं भी”. तम्बाकू युक्त गुटका, पाउच, बीड़ी, सिगरेट में निकोटिन नाम का रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जो मनुष्य को तम्बाकू के सेवन का आदी बना देता है तथा यह शरीर के विभिन्न अंगों जैसे- मुंह, गला, आहार नली, फेफड़े, आमाशय, लीवर, किडनी, मस्तिष्क आदि सभी अंगों को प्रभावित करता है एवं इसके दुष्परिणाम स्वरूप मनुष्य कैंसर, मानसिक रोग, नपुंसकता जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो जाता है. स्वयं के भीतर नशा मुक्त होने की इच्छा व आत्मविश्वास जगाकर इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है.

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन करते हैं. यह देश की औसत 28.4 प्रतिशत से अधिक है. इसमें से 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तम्बाकू का सेवन शुरू किया था. 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया. यानी औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था.