Women’s Day: प्रतीक चौहान. रायपुर. बसना में जन्मी श्रीमती कौशल्या बंसल को उनके माता-पिता ने इस लिए नहीं पढ़ाया क्योंकि 10 भाई-बहनों में से बड़ी बहनों की शादी हो गई थी, घर का काम करने वाला कोई थी था. बड़ी मुश्किल 8 वीं तक पढ़ाई करवाई और इसके बाद बचपन में ही अपने से 5 छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी और काम संभाल लिया.

इसके कुछ वर्षों बाद उनकी शादी हो गई. जहां ससुराल में जेठ के 7 बच्चों को उन्होंने छोटे से बड़ा होते देखा. लेकिन जब वे खुद मां बनी उसके पहले ही ठान लिया था कि अपने बच्चों की पढ़ाई से वे किसी भी प्रकार का कॉम्प्रोमाइज नहीं करेंगी. इसमें उनके पति ने भी उनका पूरा सपोर्ट किया. भले उन्होंने 8 वीं तक की पढ़ाई की, लेकिन जितना संभव हो सका अपने बच्चों को पढ़ाया और जब बच्चे बड़े हो गए और जब उन्हें ये लगने लगा कि वे उन्हें नहीं पढ़ा पा रही है तब ऐसे समय में उन्होंने बच्चों को हिंदी पढ़ाया. इतना ही नहीं अपने 4 बच्चों में से एक को IRS, एक को IPS, बेटी को डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारी तक पहुंचाने के बाद उन्होंने खुद पढ़ाई की और 60 साल की उम्र में 10 वीं पास की. हम बात कर रहे है रायपुर जीएसटी कमिश्नर श्रवण बंसल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही एसपी त्रिलोक बंसल और छुरा एसडीएम शीतल बंसल की. वहीं श्रीमती बंसल के मंजले बेटे मनीष बंसल पिता का बिजनेस संभालते है.

समझा पढ़ाई का महत्व, कहा मेरी ‘बहू भी अधिकारी नहीं होती तो भी उसे पढ़ाती’

एक सास होने के नाते ये कहना अपने आप में बड़ी बात है कि वे बड़े गर्व से ये कहती है कि यदि मेरी बहू अधिकारी नहीं होती तो भी मैं उसे पढ़ाने में पूरी मदद करती और अधिकारी जरूर बनवाती. हालांकि वे ये गर्व से कहती है कि उनकी बहू  श्रीमती प्रतिमा बंसल भी IRS अधिकारी है और वे भी रायपुर जीएसटी दफ्तर में ही पदस्थ है.

अपने तीनों भाईयों से 9 साल छोटी है बेटी, पर बेटे से कम नहीं

 

श्रीमती बंसल ने लल्लूराम डॉट कॉम को दिए अपने इस Exclusive इंटरव्यू में बताया कि तीनों भाईयों के जन्म के 9 साल बाद उनके घर लक्ष्मी यानी बेटी शीतल का जन्म हुआ. लेकिन वो भी उनके लिए बेटे से कम नहीं है. उन्होंने बताया कि अपनी बहन की पढ़ाई के लिए तीनों भाईयों ने मिलकर खूब मेहनत की और डिप्टी कलेक्टर बनने तक उसे गाइडेंस देते रहे और आज भी वे अपने तीनों भाईयों की लाडली है.