Baba Kedarnath: अक्षय तृतीया (akshaya tritiya) के मौके पर चार धाम यात्रा-2024 (Chardham Yatra 2024) आज से शुरू हो गई है। कई सालों बाद गंगोत्री (Gangotri), यमुनोत्री (Yamunotri) और बाबा केदारनाथ (Baba Kedarnath) मंदिरों के कपाट एक साथ सुबह 6:55 बजे खुल गए। जबकि बद्रीनाथ (Badrinath) मंदिर में दर्शन 12 मई से होंगे।हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदार नगरी में पहुंचे हैं। इस दौरान जय केदार के जयकारों से केदार नगरी गूंज उठी है। मंदिर के कपाट खुलने के समय उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) अपनी पत्नी गीता धामी के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए मौजूद रहे।

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आज जब केदारनाथ के कपाट खुले तब मौके पर इलाके का तापमान -1 डिग्री है. मौके पर भक्तों की भारी श्रद्धा उमड़ी हुई है हालांकि तापमान में गिरावट से उनके हौसले कम नहीं हुए हैं।

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 केदारनाथ धाम से 16 किमी पहले गौरीकुंड में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। वहीं, गौरीकुंड दो दिन से हाउसफुल है। यहां करीब 1500 कमरे हैं, जो भरे हुए हैं। रजिस्टर्ड 5,545 खच्चर बुक हो चुके हैं। तीन किमी दूर सोनपुर भी हाउस फुल है। हरिद्वार और ऋषिकेश में 15 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच चुके हैं।

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गुरुवार को ही बाबा की डोली केदारनाथ पहुंची थीं. केदारनाथ के कपाट सुबह सात बजे खुले वहीं यमुनोत्री के कपाट 10.29 पर और गंगोत्री के कपाट दोपहर बाद 12 बजकर 20 मिनट पर खुलेंगे। उनके अनुसार चारधाम के नाम से प्रसिद्ध धामों में शामिल एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाटोद्घाटन के लिए मंदिर को फूलों से सजाया गया। इसके अलावा हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की स्वच्छता रखने की अपील

केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- जय बाबा केदार! आप सभी भक्तजनों का चारधाम यात्रा 2024 में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन. आप सभी से अनुरोध है कि यात्रा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग करने से बचें. हमारी सरकार द्वारा चारधाम आने वाले बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

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हिंदू शास्त्रों में क्या है केदारनाथ और बद्रीनाथ का महत्व

केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव का पवित्र धाम है। हर साल यहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। केदारनाथ की गणना भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में भी की जाती है। केदारनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है। इस वजह से मंदिर का महत्व अधिक बढ़ जाता है। बद्रीनाथ चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है. ये हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है। यहां पर नर और नारायण की उपासना की जाती है। ये मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडप. बद्रीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, इनमें सब से प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है।

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