फीचर स्टोरी। कोरोना के इस संकट काल से देश में आर्थिक मंदी का माहौल है. समय पर सही प्रबंधन और ठोस कदम नहीं उठाए जाने से कई राज्यों में स्थितियां विकट है. आर्थिक ढाँचे पर कई राज्य पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर दिख रहे हैं. गरीब और किसान तबके में बहुत जगहों पर निराशा और हताशा की स्थिति है. जनसंख्या के लिहाज से कई राज्यों में लौटे प्रवासियों के सामने एक बड़ा संकट रोजगार का है. गरीब-किसान-मजदूर ही नहीं व्यापारी वर्ग भी कई राज्यों में परेशान और चिंतित है. लेकिन जब बात इन सबके बीच हम छत्तीसगढ़ की करते हैं, तो देखते हैं कि यहाँ संकट के बावजूद हालात भयावह नहीं. घनघोर निराशा या हताशा का माहौल नहीं. गरीब-किसानों के चेहरे में अभाव या चिंता के बादल नहीं.  क्यों ? क्योंकि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने आर्थिक ढाँचे के उन मोर्चों पर दूरगामी परिणामूलक काम किया जिसकी जरूरत शायद आज केंद्र को सबसे ज्यादा है.

सही मायने में छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नीति, नीयत और सकारात्मक कार्यों के बलबूते पर दूसरों राज्यों को राह दिखाई है. भूपेश सरकार ने जिस तरह से वित्तीय प्रबंधन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच कार्ययोजना का क्रियान्वनय किया है, वह अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल की तरह है. सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयासों का नतीजा है कि आज राज्य में जीएसटी, आटोमोबाईल, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में तेेजी देखी जा रही है.  राज्य में जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में जहां 22 प्रतिशत अधिक बढ़ा है, वहीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में जून माह में साढ़े तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और वनवासियों को राहत पहुँचाने के लिए वनोपजों के संग्रहण में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है.

इन क्षेत्रों में बेहतर कार्यों के साथ देश में नंबर वन है भूपेश सरकार

 

जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि

लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जीएसटी में इजाफा हुआ है. पिछले साल जून महीने के मुकाबले इस साल जून में 22 फीसदी ज्यादा जीएसटी का संग्रह हुआ है. वर्ष 2019 में जहां 2 093 करोड़ रूपए जीएसटी संग्रह हुआ था, वहीं 2020 में 2,549 जीएसटी प्राप्त हुआ है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में उछाल

छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंड्रस्ट्री में भी बेहतर कारोबार देखने को मिला है. जून 2020 में जयपुर (राजस्थान) के बाद रायपुर (छत्तीसगढ) में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है. रायपुर में मई माह में जहां 7 हजार 603 बाइक बिकी थी, वहीं जून माह में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गई. इसी तरह मई माह में एक हजार 107 कार बिकी थी, वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 2 हजार 889 हो गई. आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में 891 वाहन, मई माह में 9681 वाहन और जून माह में 32 हजार 982 वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालयों में हुआ है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त प्राप्त होने के बाद राज्य में किसानों ने 3 हजार नये ट्रैक्टर भी खरीदे हैं.

मनरेगा में नंबर वन

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में शीर्ष स्थान पर छत्तीसगढ़ है. इसी प्रकार लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में देश में दूसरे स्थान पर है. पहली तिमाही में ही राज्य में 8.85 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया है. अब तक 55,981 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर लिया है. देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है. छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के मामले में सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत पूरा कर लिया है. इसमें लक्ष्य का 70 प्रतिशत से अधिक काम का लक्ष्य हासिल करने में नक्सल प्रभावित जिले आगे हैं.

वनोपज में नंबर वन

राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 31 कर दी है. इससे प्रदेश के वनवासी परिवारों को काफी राहत मिली है. लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ प्रदेश लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में पहले नम्बर पर है. छत्तीसगढ़ ने वनोपज संग्रहण के सालाना लक्ष्य को 6 माह में पूरा कर लिया ह. राज्य में अब तक 104 करोड़ के डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है.

बेरोजगारी दर में कमी

वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है. सीएमआईई के सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी की दर अप्रैल माह में 3.4 प्रतिशत रही, जो 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर थी. यह उसी अवधि में राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम रही. छत्तीसगढ़ में संकट के बाद भी सरकार ने मनरेगा, स्व-सहायता समूहों के बीच कुटीर उद्योग जैसे कार्यों के साथ रोजगार के अवसरों को बनाये रखा. इसका फायदा ये हुआ कि बेरोजगारी की समस्या विकट नहीं रही.

कृषि से आर्थिक वृद्धि

छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है. राज्य में कृषि अर्थव्यवस्था एक मजबूत स्तंभ है. और इस स्तंभ के आधार हैं किसान. लिहाजा सरकार किसानों को संकट के दौर में भी कमजोर नहीं होने दिया है. सरकार ने संकट के बीच किसानों अंतर की राशि में पहली किस्त देकर किसानों के बीच आर्थिक ढाँचे को चलायमान रखा. नतीजा ये हुआ कि मानसून के साथ कृषि के कार्यों में कोई परेशानी किसानों को नहीं हुई. कृषि संबंधी कार्यों को गति प्रदान कर भूपेश सरकार आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे सम्बंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा. उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश व्यापी लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ ने तेजी से आर्थिक वृद्धि दर्ज की है.

नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि संकट के इस समय में भी छत्तीसगढ़ प्रदेश ने देश को राह दिखाई है. राज्य ने जो उपलब्धियां हासिल की है वह शासन के संकल्प का ही परिणाम है. यह छत्तीसगढ़ियों के धैर्य और साहस का परिणाम है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में भी हमारी स्थिति बेहतर है. इसी संकल्प और अनुशासन के साथ हम न सिर्फ इस संकट से पार पाएंगे, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के अपने लक्ष्य को समय पर हासिल भी कर लेंगे.