लॉकडाउन-3 के बीच केंद्र से मिली छूट के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश भर में शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है. सोमवार से जिलों के अलग-अलग जगहों पर शराब की दुकानें खुल रही है. लेकिन एक जिला ऐसा भी है जहां की महिलाओं ने अपने क्षेत्र में शराब दुकान नहीं खोलने पर अड़ गई हैं. विरोध में उतरी महिलाएं दुकान के खोलने पर किसी भी कीमत में समझौता नहीं करेंगी. जिससे जिले भर में उनकी तारीफ हो रही है.

रवि गोयल,जांजगीर। जिले के अकलतरा के ग्राम पंचायत कापन में लॉकडाउन के बीच ग्रामीण महिलाओं ने शराब दुकान खोलने के विरोध में आंदोलन पर उतर आईं हैं. गांव के करीब 300 से अधिक महिलाएं शराब दुकान के सामने खड़े होकर नारेबाजी कर रही है और दो दिन से दुकान को नहीं खुलने दी हैं. हालांकि वो इस दौरान मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रही है.

ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि गांव में शराब दुकान खुलने से पूरा माहौल खराब हो रहा है. गांव के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. घर के बड़े सदस्यों को हम शराब पीने से नहीं रोक पाएंगे, लेकिन बच्चों का भविष्य खराब नहीं होने देंगे. महिलाओं के विरोध के बाद गांव की शराब दुकान सोमवार से बंद है.

विरोध की सूचना मिलते ही आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर महिलाओं को काफी समझाइश दी, लेकिन महिलाएं शराब दुकान के विरोध में डटी हुई है. महिलाएं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने की बात कह रही हैं. गांव की महिलाओं के शराब बंदी के इस कदम को लेकर जिले भर में उनकी तारीफ भी हो रही है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 4 मई से शराब दुकानें खुल गई है. खुलते ही दुकानों के बाहर शराब प्रेमियों की भारी भीड़ इकठ्ठा होकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे है. जिससे कोरोना वायरस के फैलने की संभावना अधिक हो गई है.

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