नई दिल्ली। चीन अपनी बदमाशी से बाज नहीं आ रहा है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन सियाचिन ग्लेशियर के करीब अवैध रूप से कब्जे वाले कश्मीर के एक हिस्से में सड़क का निर्माण कर रहा है. इस सड़क के निर्माण से भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है. इसे भी पढ़ें : Loksabha Election Second Phase : 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोटिंग शुरू

पाकिस्तान द्वारा 1963 में चीन को सौंपे गए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के एक हिस्से (शक्सगाम घाटी) में चीन सड़क का निर्माण कर रहा है. यह सड़क चीन के झिंजियांग में राजमार्ग G219 के विस्तार से निकलती है, और एक स्थान पर पहाड़ों में गायब हो जाती है. यह भारत के सबसे उत्तरी बिंदु, सियाचिन ग्लेशियर में इंदिरा कोल से लगभग 50 किमी उत्तर में स्थित है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि सड़क का निर्माण पिछले साल जून और अगस्त के बीच रखा गया था.

यह सड़क ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट में स्थित है – यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर भारत अपना दावा करता रहा है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित नवीनतम आधिकारिक मानचित्र में इस क्षेत्र को भारतीय क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है.

लगभग 5,300 वर्ग किलोमीटर में फैले इस मार्ग पर 1947 के युद्ध में पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था, और 1963 में हस्ताक्षरित उनके द्विपक्षीय सीमा समझौते के हिस्से के रूप में इसे चीन को सौंप दिया गया था, जिसे भारत द्वारा मान्यता नहीं दी गई है.

भारतीय रक्षा विशेषज्ञ लंबे समय से तर्क दे रहे हैं कि कब्जे वाले कश्मीर के इस हिस्से में यथास्थिति में कोई भी बदलाव भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. ऐसी भी चिंताएं हैं कि ऐसी और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस पर्वतीय क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को खतरे में डाल सकती हैं.