डिलेश्वर देवांगन. बालोद. अब तक भ्रष्टाचार के कई किस्से आपने सुने होंगे. लेकिन बालोद जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो सभी किस्सों में से अलग है. मामला लोक निर्माण विभाग का है. जहां इमरजेंसी की आड़ में तमाम नियम कायदों को ताक में रख दिया गया.

 इमरजेंसी ऐसी जो केवल ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है. दरअसल जिला अस्पताल में मरम्मत कार्य के लिए निविदा निकाली गई है. जिसमें अक्टूबर माह की 4 तारीख को निविदा प्रपत्र खरीदने की तिथि निर्धारित की गई है. तो वहीं 11 तारीख तक ठेकेदार निविदा जमा करेंगे और 12 को निविदा खोले जाने की तिथि तय की गई है. इसे भी पढ़ें – जनवरी में शादी करने वाली हैं Mouni Roy! एक्ट्रेस के कजिन ने किया खुलासा … लेकिन ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लोक निर्माण विभाग निविदा प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही जिला अस्पताल में मरम्मत कार्य शुरू कर दिया. जब मामले पर कार्यपालन अभियंता से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने इमरजेंसी का हवाला दे दिया और ठेकेदारों द्वारा आपसी सामंजस्य होकर काम कराने की बात कहने लगे. लेकिन कार्यपालन अभियंता की दलील आप सुन लेंगे तो दंग रह जाएंगे. इसे भी पढ़ें – मुख्यमंत्री Yogi Adityanath से मिली Kangana Ranaut, गिफ्ट में मिला ये खास तोहफा …  सूत्र बताते है कि ये काम संतोष और शंकर नाम के व्यक्ति कर रहे है. ये कुल काम करीब 27 लाख रुपए का बताया जा रहा है.

इस संबंध में ठेकेदार यूनियन आया हुआ था, वहीं डिसाइड करते हैं जो काम हमारे पास आता है. अस्पताल के काम इमरजेंसी में कराने पड़ते हैं. हमें निर्देश मिले थे कि 10 दिन के भीतर उसे पूरा करना है. हमर लैब का काम चल रहा है. ठेकेदार यूनियन की सहमति से काम चालू किया गया है. वह आपस में काम का बंटवारा किये हैं. टेंडर आने के बाद काम रेगुलर हो जाएगा.

एफ टोप्पो, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग बालोद