रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से खरीदी और संग्रहण केंद्रों में रखे सैकड़ों टन भीग गए है. एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ सौ करोड़ के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. यह नुकसान राज्य सरकार को इसलिए उठाना पड़ रहा है क्योंकि बारिश से धान को बचाने विशेष इंतज़ाम पहले से नहीं किए गए थे. हर साल बरती जाने वाली लापरवाही इस साल भी बड़े स्तर पर बरती गई. इस बात का खुलासा शुक्रवार को खुद खाद्य मंत्री के निरीक्षण के दौरान सामने आई. मंत्री निरीक्षण के कई केंद्रों में खुले में रखे धान को देखा और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए.

जानकारी के मुताबिक अभी तक किसानों से करीब 33 लाख मीट्रिक धान की खरीदी हो चुकी है. वहीं केंद्रों में करीब 20 लाख मीट्रिक धान खरीदी के लिए पड़ा हुआ है. खरीदी और संग्रहण केंद्रों में जाम धान के समूचित रख-रखाव नहीं होने से ही नुकसान की स्थिति बनी है. खास-तौर पर दुरस्त ग्रामीण इलाकों के केंद्रों में व्यवस्था ठीक नहीं होने की बात सामने आई है. हालांकि अधिकारियों की ओर से यह उम्मीद की जा रही है धूप निकलने के बाद नुकसान कम हो सकता है, भीगे हुए धान को सुखाया जा सकता है. लेकिन सवाल ये है कि जानकारी होने के बाद हर साल ऐसी लापरवाही होती क्यों है ?