रायपुर। प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए गठित किए गए छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन को ओर से सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा गया है. इसमें विगत तीन वर्षों में निर्मित रोजगार के अवसरों के साथ जिले में रोजगार के लिए उपलब्ध अवसरों की जानकारी निश्चित फार्मेट में मांगी गई है. जिलों से मिली जानकारी को संकलित कर आगामी 23 अथवा 24 जनवरी को मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक शुक्ला की ओर से कलेक्टरों को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि राज्य सरकार व्दारा लोगों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिये ‘छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन’ का गठन किया गया है. विगत 3 वर्षों में प्रदेश में कोरोना महामारी के बावजूद बड़ी संख्या में रोजगार निर्मित हुये हैं. इसमें छत्तीसगढ़ हर्बल्स, गोधन न्याय मिशन, स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जिलों में किये गये कार्यों और गोठानों के माध्यम से आजीविका के अवसरों का निर्माण बहुत सफल रहा है.

राज्य में अनेक ऐसी योजनायें प्रारंभ की जा रही हैं, जिनसे रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी होना निश्चित है. इनमें से प्रमुख हैं – टी-कॉफी बोर्ड, मछलीपालन, लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, मिलेट मिशन, वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ में रोजगार के बड़े अवसर निर्मित किये जा सकते हैं. रोज़गार मिशन को इसी उद्देश्य से बनाया गया है.

पत्र में बताया गया कि रोज़गार की परिभाषा क्या होगी इस संबंध में अभी विचार चल रहा है. फिलहाल, रोज़गार का तात्पर्य ऐसे कामों से लिया जा सकता है, जिनसे किसी परिवार की औसत वार्षिक आमदनी में कम से 32 हज़ार रुपये की वृध्दि हुई हो. यह वृध्दि मज़दूरी या स्वरोज़गार किसी भी प्रकार से हो सकती है. इसी तरह यह वृध्दि उत्पादन कर माल को बाज़ार में बेचकर, या सेवा क्षेत्र में सेवा प्रदाय करके भी हो सकती है.

कलेक्टरों से अपने जिले में विगत 3 वर्षों में निर्मित रोज़गार की जानकारी के साथ आगामी 1 वर्ष में किन क्षेत्र में रोज़गार के अवसर निर्मित कर सकते हैं, उसकी कार्ययोजना भी भेजने को कहा गया है. कार्ययोजना बनाते समय अपने जिले में उपलब्ध संसाधनों, जलवायु, कृषि, वन, कारीगरों की उपलब्धता, पर्यटन के अवसर, सेवा क्षेत्र के अन्य अवसरों आदि का ध्यान रखें. उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था कैसे की जाएगी, इस पर टीप भी मांगा गया है.