सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली को लेकर मनमानी का मामला गरमाता जा रहा है. फीस भरने के दबाव से परेशान होकर गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित पालक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए. रायपुर के भवंस स्कूल के खिलाफ जमकर विरोध पदर्शन किया गया. पालकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन लगातार मेल और वॉट्सअप ग्रुप के माध्यम से फीस के लिए दबाव बना रहा है. यहां तक की अंतिम तिथि भी दे दी गई है.

बच्चों की ऑनलाइन आईडी बंद, कक्षा से भी हटाया गया

पालकों का कहना है कि शासन और शिक्षा विभाग के नियमानुसार जिन पालकों ने स्कूल की फीस नहीं पटाया है, उनके बच्चों की ऑनलाइन आईडी स्कूल प्रबंधन ने ब्लॉक कर दिया है और ऑनलाइन कक्षा से भी हटा दी गई है. उनका कहना है कि पहले भी कई बार स्कूल की शिकायत की गई है, लेकिन नोटिस जारी कर आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पालक शिकायत करते हैं कि लॉकडाउन के पहले भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. वहां हर चीज़ के लिए स्कूल निर्धारित कर रहा है कि हमें कहाँ से क्या ख़रीदना है और बाज़ार मूल्य से अधिक दामों में ख़रीदने को मजबूर करते है.

कार्रवाई नहीं होने पर थाने का करेंगे रुख

एक पालक ने ये भी बताया कि उनके बच्चे के मुंह पर शिक्षक के द्वारा कालिख पोता गया था. शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस तरह बच्चों पर कई तरीक़ों से दबाव पहले भी बनाते आए हैं. सैकड़ों की सख्या में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकत्रित होकर पालको ने करीब दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि शासन ने जो आदेश जारी किया है उसका पालन कराए और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करें. हर बार की तरह इस बार भी कहीं कार्रवाई नहीं होती है, तो तत्काल यहाँ से निकालकर थाना जाएंगे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे.

भवंस स्कूल के खिलाफ होगी जांच

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर से जवाब मांगा गया, तो हर बार की तरह गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि फीस का मामला कोर्ट में चला गया है. कोर्ट का जैसा आदेश आएगा उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पालको की शिकायत मिली है, तो जांच करेंगे. पहले भी भवंस स्कूल को नोटिस जारी किया गया है.

शिक्षा मंत्री को उचित कदम उठाने की जरूरत

बता दें कि छात्रों और अभिभावकों को अनावश्यक परेशानी न हो इसके लिए राज्य सरकार ने पहले भी लॉकडाउन के दौरान सभी निजी स्कूलों को फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद कई निजी स्कूलों द्वारा लॉकडाउन की अवधि में भी फीस जमा करने संबंधी मैसेज अभिभावकों को लगातर भेजे जा रहे ​थे. इतना ही नहीं बसें नहीं चली है, इसका भी पैसा मांगा जा रहा है. अब इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को उचित कदम उठाने की जरूरत है. जिससे स्कूल प्रबंधन द्वारा पालकों को परेशान न किया जाए. आखिर में बड़ा सवाल यही है कि स्कूल प्रबंधन की मनमानी पर लगाम कब लगाया जाएगा ?