रायपुर. एन.माही फिल्मस् के बैनर तले बनी बहुप्रतिक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म मोर जोड़ीदार आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इन दिनों इस फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. फिल्म की स्टोरी बचपन के अटकन मटकन दही चटाका से शुरू होती है. फिल्म में गुड्डा-गुड्डी की शादी को बड़े सुंदर ढंग से दर्शाया गया है.

इस फिल्म में सभी कलाकारों ने जी तोड़ मेहनत की. इसी वजह से आज इस को अपार सफलता मिलती जा रही है. प्रोड्यूसर मोहित साहू की यह पहली फिल्म है जिसमें उन्होंने इस फिल्म को बनाने में भरपूर खर्च किया है, आज छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को एक दमदार प्रोड्यूसर मिल गया और इस फिल्म का डायरेक्टर भूपेन्द्र चंदनिया ने किया है, जो भूपेन्द्र की पहली डारेक्शन वाली फिल्म है.

फिल्म में रजनीश झांझी ने एक बेहतरी अदाकारी के रूप में समाने आये है, जो दाऊजी के रुप में बेहतरीन है. नायक कबीर की मां यानी पूनम त्रिपाठी का रोल भी बहुत प्रभावी रहा. सरला सेन ने नायिका की मां ठकुराइन के रोल में न्याय करती नजर आयी. वही शैलेंद्र भट्ट टकला कॉमेडियनं के रूप में रंग जमाते नजर आये, हीरो मन कुरैशी पहली बार एक्शन मेन के रूप में दिखे क्योंकि उनकी पहचान अभी एक रोमांटिक हीरो की है. सुखद आश्चर्य ये है कि उन्होंने अच्छा डांस भी किया है, कई दृश्यों में बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किए है. हीरो दिलेश साहू के रूप में इंडस्ट्री को एक अच्छा व चमकता चेहरे वाला नायक मिला गया, इस फिल्म में उनका संवादन ‘ई तो निपटा देहु पल’ में जुबान पर चढ़ जाता है. इनकी जोड़ीदार हीरोइन के साथ ट्यूनिंग बहुत सुंदर लगी.

फिल्म की हीरोइन अनोखी की यह पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म है, पहली फिल्म होने के बाद भी उन्होंने जी तोड़ मेहनत की है. उनकी मेहनत इस फिल्म में साफ नजर आ रही है. फिल्मी की दूसरी नायिका माही की सुंदरता फिल्म में चार चांद लगा दिया. फिल्म देखने के बाद भी इनका चेहरा लोगों को याद रहेगा. बली नाम के खलपात्र के रूप में रंगमंच के काबिल कलाकार क्रांति दीक्षित ने शानदार भाव भंगिमा का प्रदर्शन किया है और अपने हुनर का मुजाहिरा कराया है. ये इस फिल्म के बाद बीजी आर्टिस्ट हो सकते है, बाल कलाकारों का अभिनय स्वाभाविक और बढिय़ा है और अन्य कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ बखूबी न्याय किया है. गाने खासकर मोर पड़की रे परेवना शानदार लिखी गयी मधुर और कर्ण प्रिय है.

‘मोर दिल के तार म’ ये गीत नेपाल के हसीन वादियों में फिल्माया गया, आकर्षक लोकेशन पर रहा है. फिल्म की जान है बेक ग्राउंड म्यूजिक जिसके कारण सभी सीन प्रभावी बन पड़े है और मेकअप की बात करे तो विलास राउत इंडस्ट्री के प्रसिद्ध रूप सज्जाकार है और उनका कमाल बदस्तूर दिखा है. फाइट सतीश अन्ना का डिजाईन किया मारधाड़ भव्य और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है जो फिल्म का प्लस पॉइंट रहा है. कैमरा और कैमरा मेन फिल्म के आधार स्तंभ होते है कई भोजपुरी फिल्म कर चुके के सिद्धार्थ सिंग ने काबिले तारीफ काम किया है और रेड कैमरा ने उनका बखूबी साथ दिया है.