रायपुर– मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छत्तीसगढ़ में विगत नवम्बर महीने में संपन्न विधानसभा निर्वाचन के अनुभव साझा किए. उन्होंने शिक्षाविदों, छात्रों और युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए प्रदेश में शांतिपूर्ण, निर्विघ्न, स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए अपनाई गई योजनाओं, प्रशासकीय प्रबंधन एवं नवाचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. सुब्रत साहू ने माओवाद प्रभावित बस्तर में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षित, शांतिपूर्ण और निर्विघ्न मतदान के लिए मतदान दलों और प्रशासन द्वारा किए गए साहसिक कार्यों को रेखांकित करते हुए अनेक उदाहरणों के माध्यम से भारत में निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों के बारे में बताया.

गौरतलब है कि सुब्रत साहू हार्वर्ड यूनिवर्सिटी कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स के आमंत्रण पर सोलहवें वार्षिक भारत सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इन दिनों अमेरिका प्रवास पर हैं. सम्मेलन में 16 और 17 फरवरी को उन्होंने हिस्सा लिया. भारत में निर्वाचन व्यवस्था पर केन्द्रित ‘ए बिलियन वोट्स: हाउ इंडिया मैनेजेस इट्स इलेक्शन‘ सत्र में उनके साथ पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त  ओपी रावत और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव  विजय कुमार देव ने भी भाग लिया.

सुब्रत साहू ने निर्विघ्न और अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में की गई गहन एवं व्यापक व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बस्तर में मतदान दलों और सुरक्षा बलों द्वारा परिस्थितियों के अनुसार त्वरित निर्णय लेकर मतदान प्रक्रिया पूर्ण कराए जाने के अनेक संस्मरण भी साझा किए.

उन्होंने कहा कि राज्य के अतिसंवेदनशील एवं दूरस्थ अंचलों के मतदाताओं में लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा स्वीप के तहत मतदाता शिक्षा व जागरूकता के सघन कार्यक्रम चलाये गये थे. उसी के परिणामस्वरूप ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों में एक नया विश्वास जागृत हुआ एवं डर के बावजूद मतदान किया. यही इस प्रजातंत्र की जीत है. इसी आस्था के कारण ऐसे अंचलों में मतदान के प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि परिलक्षित हुई. ऐसे कई क्षेत्र जहाँ छत्तीसगढ़ में पिछले निर्वाचन में शून्य मतदान प्रतिवेदित हुआ था, वहां पर काफी तादात में मतदान हुआ. फलस्वरूप छत्तीसगढ़ प्रदेश में कहीं भी हिंसा या अप्रिय घटना नहीं हुई. ना ही पुनर्मतदान हुआ और छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ, जो ऐतिहासिक रहा.

उल्लेखनीय है कि दुनिया के श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों में प्रमुख स्थान रखने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के भारत सम्मेलन का सालाना आयोजन भारत से जुड़े समकालीन विषयों पर संवाद, परिचर्चा और लोगों को जोड़ने के दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक है. इसमें दुनिया भर की नामी हस्तियां हिस्सा लेती हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन से भारत की निर्वाचन प्रणाली के विविध पहलुओं को पूरी दुनिया के सामने रखा.