रायपुर. अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बदलने के विरोध में छत्तीसगढ़ नागरिक समाज ने विरोध प्रदर्शन किये. छग नागरिक समाज के केपी सुधीर मूर्ति ने बताया कि 7 अक्टूबर को एक दिवसीय धरना बुढ़ापारा इंदौर स्टेडियम के पास दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक रखा गया है.

छत्तीसगढ़ नागरिक समाज आंदोलन के सह संयोजक राकेश सिंह बेस ने कहा कि केंद्र सरकार के सांसद दोनों सदनों में अनुसूचित जाति जनजाति क्रिकेट सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को बदलकर पुणे मूल स्वरूप में लागू किए, जाने को 22.5% वर्ग विशेष में वोटों के लिए 78.5% सवर्णों एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक समुदाय के 7 विश्वासघात कर काला कानून लागू किया गया है.

सर्वदलीय महासभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष बेस ने कहा कि इस कानून के लागू हो जाने से वर्ग विशेष एवं सामान्य नागरिकों के बीच दूरी बढ़ गई है. तथा राष्ट्रीय समरसता को आघात पहुंचेगा जिससे देश की अखंडता को खतरा उत्पन्न होने वाला है. छत्तीसगढ़ नागरिक समाज आंदोलन के संयोजक एवं किसान नेता ललित जैन चंदना ने बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध में सरकार अध्यादेश लाकर पिछड़ा वर्ग एवं जाति विशेष जाति विशेष के बीच की दूरियां बढ़ा दी है.

आगामी चुनाव में जनप्रतिनिधियों का विरोध करने की दी चेतवनी

छग नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे पदाधिकारियों ने कहा कि संसद के दोनो सदनों में 798 सांसद है. जिसमें से किसी ने इस काले कानून का विरोध नहीं किया. जिस बात से नाराज नागरिक समाज ने आगामी चुनाव में जनप्रतिनिधियों से सवर्ण समाज से वोट नहीं मागने के लिए कहे है. साथ ही उन्होंने कहा है कि सवर्ण समाज के लोग एक्ट का साथ देने वाले सांसदों को वोट नहीं करेंगे. साथ वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहे कि यह सरकार भाई चारे को खत्म करना चाहती है.