चंडीगढ़। पंजाब में बिजली डिफॉल्टरों पर भगवंत मान सरकार सख्त हो गई है. बता दें कि 1 जुलाई से पंजाब की आप सरकार ने हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया है. ऐसे में बिजली डिफॉल्टरों की लिस्ट सीएम भगवंत मान ने 3 दिन के अंदर मंगवाई है. इसमें सरकारी और गैर सरकारी कनेक्शन दोनों शामिल हैं. इसके अलावा 300 यूनिट फ्री बिजली के बाद मीटर रीडरों को भी चेतावनी जारी कर दी गई है. अगर कहीं गलत रीडिंग ली गई, तो मीटर रीडरों पर भी गाज गिरेगी. सरकार को शक है कि कहीं मीटर रीडर फ्री बिजली के चक्कर में कोई कम रीडिंग न ले ले या ज्यादा लेकर किसी को परेशान न करें.

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पंजाब में 1 जुलाई से हर घर को मिलेगी 300 यूनिट मुफ्त बिजली

सीएम भगवंत मान की सरकार ने 1 जुलाई से पंजाब में हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा की है. अगर कोई इतनी बिजली खर्च करता है, तो उन्हें कोई बिल नहीं आएगा. अगर इससे ज्यादा खर्च हुई तो जनरल कैटेगरी को पूरा बिल चुकाना होगा. हालांकि SC, BC, फ्रीडम फाइटर्स और BPL परिवारों को सिर्फ उतनी ही यूनिट का बिल चुकाना होगा, जितनी फ्री यानी 300 यूनिट से ज्यादा हों. पंजाब में मुफ्त बिजली स्कीम को लागू करने का जिम्मा सीएम मान ने अपने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद को दिया है, जिनके पास पावरकॉम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) का भी जिम्मा है.

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राज्य पर 3 लाख करोड़ का कर्ज, अब मुफ्त बिजली से 5000 करोड़ का पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जो वादे किए थे, उसमें बिजली गारंटी बहुत प्रमुख वादा था. जिसके तहत हर घरेलू उपभोक्ता को प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जानी थी. ये वादा पंजाब सरकार ने पूरा कर दिया है. पंजाब पर करीब 3 लाख करोड़ का कर्ज है. अब 300 यूनिट मुफ्त बिजली से सरकारी खजाने पर हर वर्ष करीब 5 हजार करोड़ का बोझ बढ़ेगा. पंजाब पहले ही किसानों के सेक्टर को मुफ्त बिजली दे रहा है. इसके अलावा SC, BC और BPL परिवारों को 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाती है. इसके अलावा सरकार ने 18 साल से बड़ी उम्र की हर महिला को 1 हजार रुपए देने का भी वादा किया है.

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राज्य में बिजली की मांग 8000 मेगावाट तक पहुंची

गौरतलब है कि आप के इस वादे के तहत राज्य के 73.39 लाख उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दी जानी है. दरअसल, भीषण गर्मी के इस मौसम में राज्य में बिजली की मांग 8000 मेगावाट तक पहुंच चुकी है. पीएसपीसीएल की चिंता यह है कि गेहूं की कटाई के बाद अगले ही महीने धान की बुआई भी शुरू होनी है, तब बिजली की मांग बढ़कर 15000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी. इसी बीच, पंजाब के बिजली संयंत्रों को अपेक्षित कोयले की सप्लाई भी नहीं हो पा रही. राज्य के थर्मल प्लांटों की चार इकाइयां बंद हो चुकी हैं. इस वजह से 1,400 मेगावाट बिजली का कम उत्पादन हो रहा है.

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