रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर चर्चा नहीं हुई. मुख्यमंत्री बघेल ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार से मुद्दे पर कोई रिस्पांस नहीं मिलने पर ही कल कैबिनेट में हमने फैसला लिया है. इसके बाद प्रधानमंत्री से बात करने का कोई औचित्य नहीं था. इसे भी पढ़ें : New Year : खास होगी इन फिल्मी सितारों की शाम, सेलिब्रेट करने कुछ ने प्लान किया ट्रिप…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि विकास कार्यों को लेकर प्रधानमंत्री से लंबी बात हुई. बातचीत सकारात्मक रही. वहीं ओपीएस पर उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत सरकार से अनेक बार पत्राचार हुए. नीति आयोग में भी मामले को हमने उठाया था.

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उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रियों की बैठक में भी हमने निर्मला सीतारमण के सामने इस मुद्दे को उठाया था. इस पर रिस्पांस आया कि ये पैसा हम नहीं दिया जा सकता, जबकि 17 हजार करोड़ की राशि हैं. इस पर हमने रास्ता निकाल लिया है, हमने कल कैबिनेट में इस पर फैसला लिया है कि ओल्ड पेंशन स्कीम हम अपने राज्य के कर्मचारियों को देंगे.

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बता दें कि कैबिनेट की शुक्रवार को हुई बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केन्द्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया. इसके तहत शासकीय सेवकों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा.

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