रायपुर। कांग्रेस ने बलौदाबाज़ार के हसुआ गांव की घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के भांजे की कार ने 2 लोगों को कुचल दिया था. उन्होंने कहा कि घटना में दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी, लेकिन आक्रोशित भीड़ को देखते हुए पहले उन्हें शिवरीनारायण हॉस्पिटल और बाद में बिलासपुर  ले जाया गया.

धनेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि मृतकों के परिजनों को पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश की गई. लेकिन जब परिजन नहीं माने, तो भीड़ में अपने लोगों से ही अपनी ही कार में पथराव कराकर मृतकों के परिजनों के खिलाफ ही कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज करा दिए गए. उन्होंने कहा कि मौके पर 500 पुलिस वालों को तैनात कर दिया गया, जिससे ये पता चलता है कि ये हाईप्रोफाइल प्रकरण है.

धनेंद्र साहू ने कहा कि पीड़ित परिवार में भय का माहौल बना हुआ है. आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है, लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है.

धनेंद्र साहू ने कहा कि वे शासन से हम मांग करते हैं कि इस मामले में जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. पीड़ित परिवारों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लेकर परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.

क्या है मामला?

बता दें कि गौरीशंकर अग्रवाल के भांजे सुधीर सुल्तानिया ने अपनी बीएमडबल्यू कार सीजी 04 केयू 5151 से नशे की हालत में तेरस राम साहू और उसकी पोती कुमारी धारिणी साहू को टक्कर मार दी थी. वारदात को अंजाम देकर वो फरार होने लगा था, जिसे ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ाकर पकड़ा.

धनेंद्र साहू ने कहा कि 27 मार्च को कांग्रेस की टीम ने पीड़ितों और ग्रामीणों से मुलाकात की थी. जिसमें कई ग्रामीणों ने बताया कि उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे इस मामले में कार्रवाई नहीं कराएं और मामले को दबा दें. वहीं मृतकों के परिवार के सदस्य शत्रुघ्न प्रसाद साहू, गजेंद्र प्रसाद साहू, प्रताप साहू, अंकित साहू और मोतीलाल देवांगन के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है.

समाधान शिविर में आए आवेदनों पर कांग्रेस का निशाना

लोक सुराज के दौरान अभनपुर विधानसभा के मंदलोर में लगे समाधान शिविर में आए आवेदन को छोड़ने के मामले में कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि हजारों की संख्या में आए आवेदन को शिविर में ही अधिकारी छोड़कर चले गए. उन्होंने कहा कि गोबरा नवापारा थाने में ग्रामीणों ने दस्तावेज जमा कराया. धनेंद्र साहू ने कहा कि देर रात पता चला कि अधिकारियों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि दस्तावेज चोरी हो गए हैं. उन्होंने इसे दुर्भाग्यजनक बताया.

धनेंद्र साहू ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है कि मुख्यमंत्री से जब ये पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में विधायक राजनीति कर रहे हैं. वे सच्चाई छिपा रहे हैं, जबकि उन्हें इस बात की घोषणा की जानी थी कि इस मामले की जांच कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि गरीब शिविरों में जाकर धक्के खा रहे हैं. सरकारी खजाने से सिर्फ प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. शिविरों में कितने आवेदन आए और कितने आवेदनों का निराकरण किया गया, उसे लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि लोक सुराज के जरिए बीजेपी सरकार राजनीतिक रोटियां सेंक रही है. धनेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि सरकार ने सिटिजन चार्टर जारी किया हुआ है. हर काम के लिए वक़्त निर्धारित है, बावजूद इसके लोग भटक रहे हैं. किसी भी कार्यालय में आम जनता के काम आसानी ने नहीं हो रहे हैं, इसलिए ऐसे शिविरों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है.