रायपुर. अगर छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखें तो बीजेपी के सामने कांग्रेस एकतरफा हारी है. लेकिन अगर देश के उन बाकी राज्यों से तुलना करें जहां कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्टर थी तो उनमें छत्तीसगढ़ में  कांग्रेस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन पंजाब और केरल में रहा. लेकिन इन दोनों राज्यों में कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से नहीं था. यहां मुकाबला लेफ्ट और शिरोमणि अकाली दल से था.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 11 में से 2 सीटें जीती. बाकी अन्य राज्यों में या तो कांग्रेस का खाता नहीं खुला या फिर कांग्रेस एक सीट ही जीत पाई. पिछले चार चुनाव में ये पहली बार है जब कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 1 से दो सीट के आंकड़े पर पहुंची है.

अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो भी अन्य राज्यों के मुकाबले बीजेपी को कांग्रेस टक्कर देती दिखी. छत्तीसगढ़ में बीजेपी का वोट प्रतिशत कांग्रेस के मुकाबले 9.8 फीसदी ज़्यादा रहा. भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में 50.7 फीसदी वोट मिले तो कांग्रेस को 40.9 फीसदी. जबकि बसपा को 2.3 फीसदी वोट मिले. अगर इसकी तुलना मध्यप्रदेश से करें तो मध्यप्रदेश में बीजेपी को 58 फीसदी वोट मिले तो कांग्रेस को करीब 34.5 फीसदी वोट ही मिल पाए.  करीब 13.5 फीसदी का अंतर. यहां कांग्रेस एक ही सीट जीत पाई.

राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया. इन राज्यों में दोनों पार्टियों के बीच वोटों का फासला 13 से 310 फीसदी तक रहा. राजस्थान में कांग्रेस को 34.2 फीसदी वोट मिले तो भाजपा को 58.5 फीसदी वोट. हरियाणा में बीजेपी को 58 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को 28.4 फीसदी वोट ही मिल पाए. गुजरात में दोनों पार्टियों के वोटों की खाई और बढ़ गई. यहां बीजेपी को 62.2 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को महज़ 32.1 फीसदी वोट मिले. दो पहाड़ी राज्य भी एकतरफा बीजेपी के साथ दिखे और सभी सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया लेकिन वोट प्रतिशत में भारी अंतर रहा. उत्तराखंड में कांग्रेस को 31.4 फीसदी लोगों ने वोट किया जबकि बीजेपी को 61फीसदी लोगों ने वोट दिया.

छ्तीसगढ़ में आधी से ज्यादा सीटों पर फैसला 1 लाख से कम वोटों से हुआ

वोटों का अंतर परिणाम में भी अंतर दिखा. जिन राज्यों में कांग्रेस वोट प्रतिशत में ज़्यादा पीछे रही, वहां कांग्रेस के प्रत्याशियों की बड़ी हार हुई. अगर पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से तुलना करें तो एक लाख से कम वोटों से कांग्रेस 29 में से तीन प्रत्याशी हारे. जबकि छत्तीसगढ़ में 9 में से 4 सीटों पर कांग्रेस एक लाख से कम वोटों से हारी है. इसमें से कांकेर केवल 6914 वोट से हारी. कांग्रेस ने जो दो सीटें जीती हैं. वो भी एक लाख के कम वोटों के अंतर से जीती हैं.

इसी तरह मध्यप्रदेश में 1 लाख से दो लाख वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों की संख्या 5 है . दो लाख से तीन लाख से हारने वाले प्रत्याशियों की संख्या 5 है. जबकि 3 लाख से 4 लाख के अंतर से कांग्रेस 9 सीटें ,चार लाख से  पांच लाख के अंतर से 4 और पांच लाख से ज़्यादा के अंतर से 3 सीटों पर हारी

अब छ्तीसगढ़ में कांग्रेस ने तीन सीटें 1 लाख से 2 लाख के बीच के अंतर से गवाईं हैं. जबकि दुर्ग और रायपुर में भाजपा की जीत का आंकड़ा 3 से 4 लाख के बीच में है.