रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में आज कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया और आसंदी पर पर्चा फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एक बार फिर बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया गया है जिस पर नियामक आयोग में बुधवार को जनसुनवाई आयोजित कर दावा-आपत्ति ली जा रही थी.

शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विकास उपाध्याय के अगुवाई में कांग्रेसी विद्युत नियामक आयोग के दफ्तर पहुंचकर जनसुनवाई में विद्युत के दरों में बढ़ोतरी का जमकर विरोध साथ ही पूर्व में नियामक आयोग के पास आए विद्युत दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर दर्ज कराई गई आपत्ति पर सुनवाई नहीं करने का गंभीर आरोप भी लगाया है. कांग्रेसी हाथों में पोस्टर लेकर नियामक आयोग के सामने जमकर नारेबाजी की जिसमें लिखा हुआ था बहुत हुई बिजली दर की मार बदलेंगे BJP सरकार, हमारा कोयला हमारा पानी बिजली दरों में मनमानी नहीं चलेगा.  नियामक आयोग की जनसुनवाई में आपत्ति दर्ज कराने कांग्रेसियों के आने की खबर के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था.

जन सुनवाई के दौरान विकास उपाध्याय एम ए इकबाल धनंजय सिंह ठाकुर दाऊलाल साहू नितिन ठाकुर अरुण जंघेल सुनीता शर्मा ने आपत्ति दर्ज कराया. आपत्ति दर्ज कराने के बाद नियामक आयोग पर इमानदारी से काम नहीं करने का आरोप लगाकर उनके आसंदी की ओर पर्चा फेंका गया.

शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को सरप्लस राज्य बताने वाले मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह आखिर बार-बार क्यों यहां विद्युत के कीमतों में वृद्धि कर रहे हैं उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी कर उनसे मिलने वाली राशि को गुपचुप तरीके से आने वाले विधानसभा चुनाव में खर्च करने जनता के जेब को ढीला कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन करने वाले संसाधन जिसमें कोयला पानी वह सस्ती दरों में काम करने वाला मजदूर छत्तीसगढ़ का है तो छत्तीसगढ़ के ही जनता को ही महंगी बिजली क्यों दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक और जहां बिजली के उत्पादन में खर्चे की बढ़ने की बात करने वाले विद्युत वितरण कंपनी पूरे प्रदेश में दिन में भी स्ट्रीट लाइट को चालू कर बिजली की खपत को बढ़ाने का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर आम जनता को बिजली की खपत को कम करने नित नए सुझाव वितरण कंपनी के द्वारा दिया जाता है. जिसमें कम वाट के बल्ब ट्यूब लाइट लगाकर घर में ज्यादा वाट के बल्ब ट्यूब लाइट के बराबर रोशनी करने का सुझाव दिया गया था. इससे बिजली की खपत तो कम हुई लेकिन राज्य सरकार के महंगी बिजली दर के कारण जनता के जेब का बोझ कम नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह दूसरे राज्य मैं बनी अपनी पार्टी की सरकार को सस्ते दरों में यहां की उत्पादित बिजली देकर वाहवाही लूट रहे हैं जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है और राज्य की जनता के हित की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिस विद्युत नियामक आयोग के पास है वह जनता से आई दावा आपत्तियों को दरकिनार कर भाजपा सरकार के पालतू पोपट की तरह काम करते है उनका सिखाया ही बोल कर विद्युत दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सहमति पारित करता है. उन्होंने विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में बढोत्तरी के प्रस्ताव की जनसुनवाई को बंद कमरे के बजाय राज्य के सभी जिलों में कर फैसला लेने का मांग किया.