रायपुर. कांग्रेस का कहना है कि आदिवासी भू-राजस्व संशोधन रमन केबिनेट द्वारा वापस लेना आदिवासी समाज की बड़ी जीत है. कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि सड़क से लेकर सदन तक आदिवासी समाज के हितों की लड़ाई कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही लड़ी है. आदिवासी भू-राजस्व संशोधन के विषय पर कांग्रेस के नेताओं ने पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी और महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौपकर प्रदेश आदिवासियों के हित संरक्षण को लेकर भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2017 को निरस्त किये जाने मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायक, पदाधिकारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मांग की थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार के इस भू-राजस्व संहिता निर्णय की वापसी को लेकर कहा कि यह आदिवासी समाज की बड़ी जीत है, कांग्रेस पार्टी के लगातार दबाव के चलते रमन केबिनेट के द्वारा इस फैसले को वापस लेने को मजबूर होना पड़ा. कांग्रेस ने जागरूकता से लड़ी गई इस लड़ाई के लिये समूचा आदिवासी समाज को बधाई दी है.
कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र में आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक पेश किया गया था, जो कि भारत के संविधान, प्रावधानों पर सीधा प्रतिघात और यह संविधान की मूल भावना के विपरीत थी. विधानसभा में सत्रावधि के दौरान कांग्रेस दल द्वारा इस संशोधन विधेयक का पुरजोर विरोध किया गया एवं इसे सदन की समिति को भेजने की मांग की गयी थी. किन्तु सत्तारूढ़ दल द्वारा विपक्ष की आपत्ति को दरकिनार करते हुये इस संशोधन विधेयक को बहुमत के आधार पर पारित कर आदिवासियों के हितो पर कुठाराघात करने का संकल्पित प्रयास किया गया. रमन सरकार की नीयत आदिवासी भू-राजस्व संशोधन लाने के पीछे सही नहीं थी इसलिये सरकार को झुकना पड़ा.