शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता जाने के एक साल बाद अब कांग्रेस राम की शरण में पहुंच गई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस भगवान राम राजा की नगरी ओरछा में विधायकों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। शिविर में कांग्रेस अपने विधायकों को ट्रेनिंग देगी और मिशन 2023 विधानसभा का शंखनाद भी करेगी। शिविर में कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होंगे जो पार्टी के विधायकों को विभिन्न राजनीतिक टिप्स देंगे। शिविर में बताया जाएगा कि विधायकों को कैसे अपनी छवि बनानी हैं। आम लोगों के बीच कैसे व्यवहार रखना है। इन सब बातों को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। कांग्रेस के राम राजा की नगरी ओरछा में ट्रेनिंग शिविर पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए है.

दो दिवसीय ट्रेनिंग कैंप

कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव ने बताया कि पार्टी विधायकों का ट्रेनिंग कैंप दो दिवसीय होगा। कैंप 6 से 7 अप्रैल तक चलेगा। प्रशिक्षण शिविर के दौरान कांग्रेस विधायकों को राजा राम सरकार के दर्शन भी करवाए जाएंगे. एमपी का ओरछा शहर ही चुनना कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इस शिविर से कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साध रही हैं। पहला सियासी और दूसरा खुद को राम भक्त बताना। बता दें कि राम मंदिर निर्माण से लेकर तमाम धार्मिक मुद्दों पर बीजेपी कांग्रेस से इक्कीस ही रही है.

भगवान ही लगाएंगे सबकी नैया पार

कांग्रेस के धार्मिक नगरी में सियासी ट्रेनिंग पर पूर्व डिप्टी स्पीकर और  विधायक रामेश्वर शर्मा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कांग्रेस को राम विरोधी बताते हुए कहा कि ये वही कांग्रेस है जो राम जी के अस्तित्व को नकारती थी। इन्हीं की पार्टी से जुड़े कपिल सिब्बल अदालत में पैरवी करते थे। कांग्रेस ने खुद की सरकार के समय ओरछा नमस्ते कार्यक्रम करवाया था। उसके बाद भगवान राम ने कांग्रेस को नमस्ते कर दिया था। राज्य की सत्ता की वापसी को लेकर कांग्रेस ऐनकेन-प्रकारेन ढोंग कर रही है.