राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों सदन को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार बढ़ गई है। सदन को लेकर कांग्रेस ने सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा सत्र छोटा कर सरकार प्रजातांत्रिक मूल्यों का गला घोंट रही है। सदन के सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। वहीं सरकार ने पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्ष के पास जनता के सवाल उठाने का समय ही नहीं है।

मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 9 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। जो महज चार दिन यानी 12 अगस्त तक चलेगा। चार बैठकों वाले इस सत्र को लेकर विधानसभा ने अधिसूचना जारी की तो कांग्रेस ने सत्र की अवधि को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। पूर्व संसदीय कार्यमंत्री डाॅ. गोविंद सिंह ने कहा है कि विधानसभा का सत्र छोटा कर सरकार सदन में जनता के मुददों पर चर्चा कराना ही नहीं चाहती। मानसून सत्र कम से कम तीन सप्ताह का होना चाहिए। शिवराजसिंह चौहान जब से चौथी बार के मुख्यमंत्री बने हैं। तब से विधानसभा का सत्र पूरा नहीं चला है, और सदन में जनहित के मुददे नहीं उठ पाने से प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन हो रहा है।

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गोविंद सिंह ने कहा है कि सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए विपक्ष लगातार पत्र लिखता आया है, लेकिन विपक्ष के पत्रों पर तक सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में पत्र लिखने के बजाय अब भोपाल में सीधी बात होगी। वहीं कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बयान जारी कर कहा कि अगर सत्र की अवधि नहीं बढ़ाई गई तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद करेगी। इधर, कांग्रेस के आरोपों पर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार इतने अच्छे काम कर रही है कि विपक्ष के पास मुददे ही नहीं बचे हैं। वहीं उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि वैसे भी विपक्ष को जनता के मुददे उठाने के लिए समय ही नहीं है।

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