निशा मसीह, रायगढ़. नगर निगम में एक बार फिर से नए बजट को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. लेकिन नए बजट से पहले ही नगर निगम के पार्षद तथा भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने ही इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए है. बीते चार सालों के भीतर निगम का बजट हर साल पेश जरूर होता है. लेकिन इस बजट में दर्शाए गए कार्यो का न तो कोई असर शहर में दिखाई पड़ता है और न ही इन योजनाओं को बनाने के बाद लागू किया जाता है.

शहर के विकास कार्यो को लेकर हर साल बनाए जाने वाले बजट पर अब फिर से सवाल उठाते हुए कांग्रेस तथा भाजपा के लोगों ने इसे मजाक बताते हुए हर साल कापी पेस्ट करने का आरोप लगाया है. इनका यह भी कहना है कि निगम में चुने हुए जनप्रतिनिधी अधिकारियों के साथ मिलकर शहर की जनता के साथ खुला मजाक कर रहे हैं और विकास का सपना दिखाकर उन्हें बार-बार अंधेरे में रख रहें है.आरोप लगाने वाले नेताओं में भाजपा के पूर्व नेता व सभापति के साथ-साथ पूर्व एल्डरमेन तथा कांग्रेस के नेता तथा शहर के अन्य लोगों ने सीधे-सीधे इसे कापी पेस्ट करके विकास कार्यो के नाम पर झुनझुना थमाने की बात कही है.

चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अनिल अग्रवाल और कांग्रेस पार्षद शाखा यादव ने आरोप लगाया है, कि हर साल बजट में जिन कार्यो को पूरा करने की सूची बनाकर करोड़ो रूपए खर्च करने की योजनाएं बनाई जाती है. हकीकत में वे योजनाएं केवल कागजों में ही रहती है और शहर में इसका कोई क्रियान्वयन नही होता. सड़क, बिजली, पानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बनने वाले बजट में अलग-अलग मदों का निर्माण करके करोड़ो रूपए की राशि दशाई जाती है पर आज भी निगम के 48 वार्डो में इनकी कमी साफ दिखाई देती है और बजट के कापी पेस्ट होने से इसका कोई मतलब भी नही रह जाता. कांग्रेस के लोगों ने तो अब नगर निगम के बजट का पुरजोर विरोध करने की बात कही है.