रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार कोविड मरीजों के उपचार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. संक्रमितों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है. मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाए जाने के लिए राज्य में 15 नए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित किए गए हैं. राज्य शाासन ने निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए हैं.
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स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के 37 डेडिकेटेट शासकीय अस्पतालों और 154 कोविड केयर सेंटर्स में बिस्तरों की संख्या 21565 हैं, जिसमें 6310 ऑक्सीजन बिस्तर हैं. राज्य के निजी अस्पतालों में कुल 6889 बिस्तर हैं, जिनमें से 5346 ऑक्सीजन बिस्तर हैं.
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केन्द्र सरकार से वेंटिलेटर की मांग
प्रदेश में शासकीय और निजी मिलाकर कुल 9132 बिस्तर ऑक्सीजन सुविधा युक्त हैं. इन अस्पतालों में लगभग 14000 चिकित्सा कार्य में लगभग 29000 सहायक के कार्य में सेवाएं दे रहे हैं. राज्य में 1002 वेंटिलेटर हैं, जो 526 शासकीय अस्पतालों में और 476 निजी अस्पतालों में उपलब्ध हैं. केन्द्र सरकार से वेंटिलेटर की मांग की जा रही है.
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15 नए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित
ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाए जाने के लिए राज्य में 15 नए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त 9 प्लांट प्रक्रियाधीन हैं, जो अगले सप्ताह स्थापित हो जाएंगे. राज्य में 234 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध है. इसके वितरण में सहायता के लिए 8000 इंडस्ट्रीयल सिलेंडर को मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर में परिवर्तित किया जा चुका है.
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ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट की स्थापना
राज्य में 9 लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट की स्थापना की अनुमति केंद्र शासन से ली जा रही है. कम्प्रेसड लिक्विड ऑक्सीजन ,विस्फोटक की श्रेणी में ने के कारण ,पेट्रोलियम एवं इक्स्प्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाइजेशन से अनुमति की आवश्यकता होती है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी दूर करने के लिए आज 15000 इंजेक्शन अस्पतालों में भर्ती रोगियों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
राज्य में 1915 टेस्ट प्रति मिलियन किए जा रहे
राज्य में 1915 टेस्ट प्रति मिलियन किए जा रहे है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1480 है. कोरोना रोगियों की जांच नियमित रूप से RT-PCR, ट्रू नॉट और ऐंटिजेन विधि से की जा रही है. कल 55 हजार से अधिक टेस्ट किए गए थे. राज्य में कुल टेस्ट का 40 प्रतिशत RT-PCR किया जा रहा है, जिसे और बढ़ाया जाएगा. संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर उनकी भी जांच करवाई जा रही है.
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